मध्य प्रदेश में निजी स्कूलों में फीस में वृद्धि का मामला अक्सर सुर्खियों में रहता है। अब सरकार फीस को नियंत्रित करने के लिए नया कानून लेकर आ रही है। इस कानून के तहत, 25 हजार रुपए से कम फीस वाले स्कूलों को इससे बाहर रखा जाएगा। इसके अलावा, फीस में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि पर कड़ी पाबंदी होगी।
फीस पर काबू पाने के लिए अहम कदम
मध्य प्रदेश में निजी स्कूलों की फीस पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए, जो 1 अप्रैल से शुरू हो रहा है, सरकार ने निजी स्कूलों की फीस नियंत्रण के लिए एक संशोधित कानून को लागू करने का निर्णय लिया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस कानून को लागू करने के लिए 11 मार्च को नियमों का प्रारूप जारी किया और संबंधित पक्षों से 30 दिन के भीतर आपत्तियां एवं सुझाव मांगे हैं। इसके आधार पर परीक्षण के बाद नियमों को अंतिम रूप देकर लागू किया जाएगा।
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निजी स्कूलों पर अब कड़े नियम
राज्य में कुल 34,652 निजी स्कूल हैं, जिनमें से 16,000 स्कूल ऐसे हैं जिनकी वार्षिक फीस 25 हजार रुपए से कम है। नए कानून के तहत, जिन स्कूलों की फीस 25 हजार रुपए से कम है, वे इस कानून के दायरे में नहीं आएंगे। यह नियम विशेष रूप से उन्हीं स्कूलों के लिए लागू होगा, जिनकी फीस 25 हजार रुपए से अधिक है। इस नियम के दायरे में नहीं आने वाले स्कूलों को नोटरीकृत शपथ पत्र पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
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नियमों में संशोधन करने की तैयारी
दरअसल, सरकार मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) 2020 के नियमों में संशोधन करने की तैयारी में है। स्कूल शिक्षा विभाग के उपसचिव ओएल मंडलोई ने इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। जिसमें उल्लेखित किया है कि आपत्तियां और सुझाव पर विचार कर इसको लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
10 प्रतिशत से ज्यादा फीस नहीं बढ़ा सकेंगे निजी स्कूल
इसके अलावा, यह भी तय किया गया है कि निजी स्कूल अपनी फीस में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि नहीं कर सकेंगे। यदि कोई स्कूल 15 प्रतिशत से अधिक फीस बढ़ाता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह नियम स्कूल शिक्षा विभाग के उपसचिव ओएल मंडलोई द्वारा जारी की गई अधिसूचना के तहत लागू किया जाएगा। विभागीय मंत्री की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा, जो संशोधित फीस नियंत्रण कानून का पालन करवाने के लिए जिला स्तर की समिति की निगरानी करेगी। राज्य स्तरीय समिति को 45 दिन के भीतर सभी आपत्तियों का निपटारा करना होगा। इस समिति का निर्णय अंतिम और बंधनकारी होगा।
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5 मुख्य बिंदुओं से समझें पूरा मामला
✅ मध्य प्रदेश सरकार निजी स्कूलों की फीस में वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए संशोधित कानून लाने जा रही है।
✅ 25 हजार रुपए से कम फीस वाले स्कूलों को इस नए कानून से राहत मिलेगी।
✅ निजी स्कूल अब अपनी वार्षिक फीस में 10 प्रतिशत से अधिक वृद्धि नहीं कर सकेंगे।
✅ राज्य स्तरीय समिति फीस वृद्धि पर निगरानी रखेगी और 45 दिन के भीतर आपत्तियों का निपटारा करेगी।
✅ नए नियमों के तहत, 15 प्रतिशत से अधिक फीस बढ़ाने वाले स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी।
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