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भारत के वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मध्य प्रदेश को अपना नौवां बाघ अभयारण्य (Tiger Reserve) मिल गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस उपलब्धि पर खुशी जताई। यह कदम भारत की समृद्ध जैव-विविधता (Biodiversity) और वन्यजीव संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।
पीएम ने क्या कहा ?
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत वन्यजीवों के संरक्षण में हमेशा अग्रणी रहा है। उन्होंने इसे वन्यजीव प्रेमियों (Wildlife Lovers) के लिए एक सकारात्मक और आश्चर्यजनक खबर बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की संस्कृति वन्यजीवों का सम्मान करती है और यहां के लोग हमेशा जानवरों की रक्षा करने में सबसे आगे रहते हैं।
भूपेंद्र यादव का बयान
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने अपने सोशल मीडिया पर इस महत्वपूर्ण घोषणा की जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि भारत पर्यावरण संरक्षण (Environmental Protection) और वन्यजीव संरक्षण (Wildlife Conservation) के क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है। इस घोषणा के साथ भारत ने अपने 58वें टाइगर रिजर्व को मंजूरी दी है। नवीनतम टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश का माधव टाइगर रिजर्व (Madhav Tiger Reserve) है।
Amazing news for wildlife lovers! India is blessed with wildlife diversity and a culture that celebrates wildlife. We will always be at the forefront of protecting animals and contributing to a sustainable planet. https://t.co/7f397FCJNx
— Narendra Modi (@narendramodi) March 9, 2025
माधव टाइगर रिजर्व का महत्व
माधव राष्ट्रीय उद्यान (Madhav National Park) जो अब बाघ अभयारण्य बन चुका है, शिवपुरी (Shivpuri) में स्थित है। यह पहला बाघ अभयारण्य है, जहां निर्माण प्रक्रिया केवल छह महीने में पूरी की गई। यह अभयारण्य 37,523.344 हेक्टेयर (Hectares) क्षेत्र में फैला हुआ है और इसका मुख्य क्षेत्र 375 वर्ग किलोमीटर है, जबकि बफर जोन 1,276 वर्ग किलोमीटर है।
माधव राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना
माधव राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1956 में हुई थी और यह मध्य प्रदेश का नौवां बाघ अभयारण्य है। इस टाइगर रिजर्व का उद्घाटन 10 मार्च को किया जाएगा, जो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया की जयंती के अवसर पर होगा।
मध्य प्रदेश के आठ अन्य बाघ अभयारण्य
मध्य प्रदेश में पहले से आठ बाघ रिजर्व (Tiger Reserves) हैं, जिनमें सतपुड़ा (Satpura), पेंच (Pench), बांधवगढ़ (Bandhavgarh), कान्हा (Kanha), संजय दुबरी (Sanjay Dubri), पन्ना (Panna), रानी दुर्गावती (Rani Durgavati), और रातापानी (Ratapani) शामिल हैं। इन बाघ अभयारण्यों में बाघों की संख्या में वृद्धि और संरक्षण कार्यों में लगातार सफलता मिल रही है।
भारत के वन्यजीवों के संरक्षण को मिलेगा बल
भारत का वन्यजीव संरक्षण कार्य लगातार सफलता की ओर बढ़ रहा है। मध्य प्रदेश का यह नया बाघ अभयारण्य इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल भारत के वन्यजीवों के संरक्षण को बल देता है, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन (Environmental Balance) को बनाए रखने में भी मदद करेगा।
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