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मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े की घटना के बाद अब पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। हाल ही में, हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इसमें पैरामेडिकल कॉलेजों को भी नियमों का उल्लंघन करके मान्यता दिए जाने के आरोप लगाए गए हैं। यह याचिका नर्सिंग कॉलेजों में फर्जीवाड़े को लेकर पहले दायर की गई याचिका से संबंधित है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्रदेश में कई पैरामेडिकल कॉलेजों को बिना मान्यता के चलने की अनुमति दी गई और यह एक बड़ा फर्जीवाड़ा है।
हाई कोर्ट में पैरामेडिकल कॉलेजों के मामले की सुनवाई
गुरुवार, 11 जुलाई को हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। इसमें याचिका में कहा गया कि प्रदेश के पैरामेडिकल कॉलेजों को नियमों की अनदेखी कर मान्यता दी गई है। शुक्रवार (आज) को इस मामले पर जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस दिनेश कुमार पालीवाल की युगलपीठ सुनवाई करेगी। इन आरोपों के मद्देनजर अब राज्य के पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता की जांच की जाएगी, जो छात्रों के भविष्य के लिए चिंता का विषय बन चुका है।
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सीबीआई जांच के बाद खुलासा
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पहले भी नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई के जरिए की गई थी। जांच में पता चला कि 74 नर्सिंग कॉलेजों में गंभीर खामियां पाई गई थीं, जबकि दूसरी जांच में यह संख्या बढ़कर 129 कॉलेजों तक पहुंच गई। अब यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या पैरामेडिकल कॉलेजों की स्थिति भी नर्सिंग कॉलेजों जैसी ही हो सकती है।
जानें जांच में क्या मिला?
सीबीआई के जरिए की गई जांच में पता चला कि कई कॉलेजों में सुविधाओं का घोर अभाव था। पढ़ाई के लिए आवश्यक संसाधनों का भी आभाव था। कई कॉलेजों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए मान्यता हासिल की थी। इस तरह की खामियों का पता चलने के बाद, अब पैरामेडिकल कॉलेजों की भी जांच की जाएगी।
पैरामेडिकल कॉलेज की खबर को पांच प्वाइंट में समझे...
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शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता
यह पूरी स्थिति शिक्षा प्रणाली की स्थिति को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। जहां एक ओर राज्य सरकार का दावा है कि वह शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर इस तरह के फर्जीवाड़े सामने आना शिक्षा व्यवस्था के लिए काले धब्बे के रूप में सामने आता है। अगर यह स्थिति नहीं सुधारी गई तो छात्रों को निराशा का सामना करना पड़ सकता है।
पैरामेडिकल कॉलेजों की जांच का महत्व
पैरामेडिकल कॉलेजों की जांच न केवल छात्रों के लिए, बल्कि देशभर में शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। इन कॉलेजों से प्रशिक्षित होने वाले पेशेवरों का स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहता है। इसलिए यह आवश्यक है कि इन कॉलेजों की मान्यता और संचालन की जांच की जाए ताकि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या गुणवत्ता की कमी से बचा जा सके।
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