मध्य प्रदेश बना ऑनलाइन समन भेजने वाला पहला राज्य, वॉट्सएप और ई-मेल पर तामील का नियम लागू, नोटिफिकेशन जारी

नए कानून के तहत डेढ़ महीने में नियम बनाया गया, अब सीधे कोर्ट से समन वारंट जारी किए जा सकेंगे। गृह विभाग ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

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Deeksha Nandini Mehra
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मध्य प्रदेश अब ऑनलाइन समन (Madhya Pradesh Online Summons) भेजने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इसके तहत अदालतें डिजिटल रूप (Digital form) में समन और वारंट भेजेंगी। पुलिस संबंधित आरोपी, फरियादी या गवाह को उसी डिजिटल रूप में तामील  (Summons Delivery) कराएगी। राज्य सरकार ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के तहत इसके नियम बना लिए हैं। गृह विभाग ने इस संबंध में मंगलवार (20 अगस्त 2024 ) को गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। 

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ऑनलाइन समन भेजने के संबंध में हुई 42 बैठकें 

वॉट्सएप और ई-मेल के माध्यम से भी समन-वारंट (WhatsApp and Email ) तामील करने के नियम बन रहे हैं। यानी इन डिजिटल माध्यमों  से भेजा गया समन भी तामील माना जाएगा। इसके लिए एनआईसी-सीआईएस के पुणे स्थित मुख्यालय के अधिकारियों से मध्य प्रदेश पुलिस और कानून विभाग के अधिकारियों की लगभग 42 बैठकें हो चुकी हैं। सूत्रों के अनुसार,10 जिलों में शुरू हुआ ट्रायल अब पुलिस की सभी 63 इकाइयों में किया जा चुका है।

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बीएनएसएस की धारा-64 में परिभाषित समन-वारंट जारी करने और तामील करने की प्रक्रिया (Digital Summons Process)  पर काम करने वाला मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) पहला राज्य बन रहा है। पहले समन और वारंट केवल कागजी रूप में तामील किए जाते थे, जिसमें अक्सर लापरवाही के आरोप लगते रहे हैं।

तेलंगाना, राजस्थान और कर्नाटक भी शामिल होंगे

यह परियोजना खंडवा से एक साल पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई थी। अशोक नगर, शिवपुरी, गुना, दतिया के बाद अब पुलिस की सभी 63 इकाइयों में ट्रायल (Summons-Warrant Trial) चल रहा है। अब तक अदालतों के माध्यम से पुलिस को 1.29 लाख से अधिक समन और वारंट डिजिटल फॉर्म में प्राप्त हो चुके हैं।

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ऑनलाइन समन के फायदे

  • पुलिस वर्दी में समन देने के लिए दरवाजे पर नहीं पहुंचेगी।
  • समन की तामील एसएमएस, वॉट्सएप या ई-मेल के माध्यम से की जाएगी।
  • समन-वारंट न मिलने का बहाना समाप्त होगा।
  • पुलिस के मैनपावर का कम उपयोग होगा, जिससे पुलिसिंग में सुधार होगा।
  • समन-वारंट की तामील में देरी न होने के कारण सुनवाई समय पर होगी और फैसले जल्दी होंगे।
  • जो लोग वॉट्सएप या ई-मेल का उपयोग नहीं करते, उन्हें प्रिंट (Printed Summon) भेजा जाएगा।

पीडीएफ फॉर्म में आएगा समन 

अब फरियादी, आरोपी या गवाह के पते, ई-मेल एड्रेस और मोबाइल नंबर अदालतों में दर्ज किए जा रहे हैं। इन्हीं विवरणों के आधार पर पीडीएफ फॉर्म में समन और वारंट जारी होंगे, जो संबंधित व्यक्तियों को भेजे जाएंगे। जिनके पास वॉट्सएप या ई-मेल नहीं है, उन्हें प्रिंटेड कॉपी प्रदान की जाएगी।

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