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मप्र गृह विभाग ने 24 अगस्त की शाम 5 बजकर 53 मिनट पर एक ट्वीट किया था। इसमें था कि मप्र सरकार पुलिस विभाग में 7500 भर्तियां करेगी। सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी बात की और डीजीपी के पद पर दिसंबर में कैलाश मकवाना ने कमान संभाली तो उन्होंने भी भर्तियों की बात कही।
जून 2025 में भी इंदौर में भर्ती की बात दोहराई तो कई बार सोशल मीडिया पर भी इसकी बात कही। लेकिन अभी तक इसका विज्ञापन जारी नहीं हुआ है। उल्लेखनीय है कि सब इंस्पेक्टर यानी एसआई की भर्ती आखिरी बार मप्र में 2017 में हुई थी। आठ साल से भर्ती नहीं हुई है।
पुलिस भर्ती बोर्ड से अब भर्ती की बात
सीएम मोहन यादव ने पुलिस भर्ती को अधिक व्यवस्थित करने के लिए 15 अगस्त को कहा था कि तीन साल में 22 हजार 500 पदों पर पुलिस भर्ती होगी। हर साल 7500-7500 पदों पर भर्ती होगी। इसके लिए मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड बनेगा। हालांकि यह बात भी उठी कि जब तक भर्ती बोर्ड नहीं बनेगा, यह भर्ती ईएसबी द्वारा ही हो सकती है।
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एक साल पहले का ट्वीट-
मध्यप्रदेश सरकार पुलिस विभाग में 7500 भर्तियां करेगी @DrMohanYadav51#MPPOLICE#JansamparkMPpic.twitter.com/fkXHLdIDrE
— Home Department, MP (@mohdept) August 24, 2024
फिर अब ये डाला-
मध्यप्रदेश पुलिस में बड़ी भर्ती
— Home Department, MP (@mohdept) August 22, 2025
➡️ आने वाले तीन वर्षों में 22,500 पदों पर भर्ती होगी।
➡️ प्रतिवर्ष 7,500 रिक्त पदों पर योग्य उम्मीदवारों को मिलेगा अवसर।
➡️ भर्ती प्रक्रिया का संचालन मध्यप्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड करेगा।@DrMohanYadav51@DGP_MP@MPPoliceDeptt#Mppolice#Requrementpic.twitter.com/x322Bsm2cZ
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बोर्ड से भर्ती कराने गए तो महीनों लगेंगे
वहीं जानकारों का कहना है कि कम से कम तीन साल में से पहले साल की भर्ती शासन को ईएसबी से कराना होगी। कारण है कि अभी बोर्ड बनने की और फिर परीक्षा एजेंसी बनाने, सुरक्षा संबंधी विविध लाइसेंस लेने और प्रक्रिया तय करने में लंबा समय लगेगा और भर्ती महीनों देरी से होगी। लेकिन यह सभी ईएसबी के पास तैयार है। ऐसे में यह भर्ती की मंजूरी मिलते ही मंडल ईएसबी इसे तीन महीने में पूरी कर सकता है।
आखिर यह भर्ती कहां अटकी हुई है
इस मामले में मुख्य पेंच रोजगार पंजीयन वाला फंसा हुआ है। भर्ती परीक्षा के लिए इसे जरूरी माना जाए या नहीं, केवल इसी बात को लेकर कश्मकश में शासन और पुलिस मुख्यालय है। दोनों के बीच इसी को लेकर सहमति नहीं बन रही है।
हालांकि इसे सुप्रीम कोर्ट अनिवार्य नहीं मानने का कह चुका है, लेकिन इसके बाद भी मामला उलझा हुआ है। केवल इसी कारण से तीन से चार महीने से यह फाइल शासन और पुलिस मुख्यालय के बीच फुटबॉल बनी हुई है। ईएसबी इस परीक्षा के लिए पूरी तैयारी करके बैठा हुआ है, जैसे ही मंजूरी मिलेगी वह विज्ञापन निकाल देगा। लेकिन यह मंजूरी ही नहीं मिल रही है।
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