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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की बैठक की। इस दौरान सीएम ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana) के कार्यों की समीक्षा की। इस बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल भी शामिल हुए। सीएम ने निर्देश दिए की अगले तीन साल में प्रदेश की सभी बसाहटों को सड़क से कनेक्ट किया जाए।
38 हजार बसाहटों में सड़क नहीं
बैठक में बताया गया कि प्रदेश की कुल 89 हजार बसाहटों में से 50 हजार 658 को ही अब तक सड़क संपर्क से जोड़ा जा सका है। शेष 38 हजार 342 बसाहटें में अब भी सड़क सुविधा नहीं है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगले तीन वर्षों में प्रदेश की सभी बसाहटों को सड़क नेटवर्क से जोड़ा जाए।
11,544 बसाहटों के सर्वे पूरा
बैठक के दौरान जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-4 (Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana-4) के अंतर्गत 11 हजार 544 बसाहटों के लिए सर्वेक्षण कार्य पूरा हो चुका है। शेष 26 हजार 798 बसाहटों की कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार पहल कर रही है।
सड़क संपर्क से वंचित क्षेत्रों की चुनौतियाँ
मध्य प्रदेश के कई दूरस्थ और आदिवासी क्षेत्रों में अभी भी सड़क संपर्क नहीं है। इन क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा और सरकारी सेवाओं तक पहुँचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। व्यापार और ग्रामीण विकास कार्य भी प्रभावित होते हैं। यह समस्या मुख्य रूप से पहाड़ी और वन्य क्षेत्रों में अधिक देखी जाती है।
AI से रखी जाएगी निगरानी
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़, अतिवृष्टि और अन्य कारणों से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और रखरखाव को गंभीरता से लिया जाए। उन्होंने सड़कों की निगरानी और रखरखाव के लिए मोबाइल एप्लिकेशन, जियो टैगिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक के उपयोग को अनिवार्य करने की बात कही। साथ ही, यातायात के अनुसार सड़कों के विस्तार और नई सड़कों के निर्माण की प्राथमिकता तय करने का निर्देश दिया।
ई-मार्ग पोर्टल को मिली राष्ट्रीय स्तर पर सराहना
बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री जनमन योजना (Pradhan Mantri Janman Yojana) के तहत पांडाटोला से बीजाटोला तक देश की पहली सड़क बालाघाट जिले के परसवाड़ा क्षेत्र में बनाई गई है। प्रदेश में सड़कों के रखरखाव के लिए 2015-16 में शुरू किया गया ई-मार्ग पोर्टल (E-Marg Portal) राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है और अब इसे पूरे देश में लागू किया जा रहा है।
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