MP में सर्दी ने तोड़ा 50 साल का रिकॉर्ड, 90 दिनों में से 50 दिन रही कड़ाके की ठंड

मध्य प्रदेश में इस साल सर्दी ने 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, तीन महीने तक कड़ाके की ठंड का असर रहा। हालांकि, अब अगले कुछ दिनों में मौसम में बदलाव की संभावना है, जो ठंड से राहत दे सकता है।

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मध्य प्रदेश में इस साल अब तक सर्दी ने अपने प्रचंड रूप को दिखाया और 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए सर्दी के मौसम ने लंबे समय तक अपने प्रभाव को बनाए रखा। इस साल सर्दी का मौसम आमतौर से अधिक लंबा खिंच गया, जो 29 नवंबर से लेकर जनवरी के अंत तक जारी रहा।

मौसम विभाग के मुताबिक, मध्य प्रदेश में बीते तीन महीनों में करीब 70 दिनों तक सर्दी का असर रहा, जिसमें से 50 दिन ऐसे थे जब कड़ाके की ठंड ने लोगों को कंपकंपा दिया। यह घटना पिछले 50 वर्षों में पहली बार हुई है, जब सर्दी का मौसम इतने लंबे समय तक चला। हालांकि, अब अगले कुछ दिनों में मौसम में बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है, जो ठंड से राहत दे सकता है।

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कड़ाके की ठंड की शुरुआत

मध्य प्रदेश में सर्दी का मौसम इस बार नवंबर के अंत से ही शुरू हो गया था। 29 नवंबर 2024 को भोपाल का न्यूनतम तापमान 8.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो सामान्य से काफी कम था। इसके बाद दिसंबर और जनवरी में लगातार शीतलहर ने मौसम को और भी ठंडा कर दिया, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

सर्दी के लंबे दौर ने तोड़े रिकॉर्ड

बता दें कि मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, मध्य प्रदेश में सर्दी का मौसम इस साल पहले की तुलना में बेहद लंबा और कड़ाके का रहा। यहां के ज्यादातर हिस्सों में 50 दिनों तक न्यूनतम तापमान 4-5 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा। शीतलहर ने प्रदेश के कई जिलों को अपनी चपेट में लिया और वहां की जीवन-शैली को प्रभावित किया।

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शीतलहर का असर और तापमान में उतार-चढ़ाव

इस साल पश्चिमी विक्षोभ (western disturbance) के चलते मौसम में कई बार उतार-चढ़ाव देखने को मिला। जब पश्चिमी विक्षोभ आया, तब तापमान में वृद्धि हुई, लेकिन जैसे ही वे वापस गए तापमान में गिरावट आ गई। मध्य प्रदेश के मौसम विशेषज्ञ वीरेंद्र कुमार सिंह के मुताबिक, इस बार शीतलहर का असर पिछले साल से ज्यादा था और यह मौसम में निरंतर अस्थिरता की वजह बना।

किसानों पर शीतलहर का असर

वहीं, कड़ाके की ठंड और शीतलहर ने प्रदेश के किसानों को भी प्रभावित किया। यहां ठंड के कारण फसलों को नुकसान पहुंचा, खासकर सब्जियों और अन्य ठंडी मौसम में उगने वाली फसलों पर। ऐसे में किसानों को यह सलाह दी जा रही है कि वे अपने खेतों की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय करें।

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राहत की उम्मीद और आगे का मौसम

मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि अगले दो से तीन दिनों में मौसम में कुछ बदलाव हो सकता है। हालांकि, ठंड की तीव्रता में तुरंत राहत की कोई उम्मीद नहीं है। मौसम के बदलाव के कारण लोगों को जल्द ही राहत मिल सकती है, लेकिन फिलहाल सर्दी का असर जारी रहेगा।

FAQ

इस बार मध्य प्रदेश में सर्दी क्यों ज्यादा पड़ी?
इस बार सर्दी का मौसम लंबे समय तक चला और शीतलहर ने ज्यादा असर दिखाया, जिससे ठंड का असर अधिक रहा।
कितने दिनों तक कड़ाके की ठंड पड़ी?
बीते तीन महीनों में 50 दिनों तक कड़ाके की ठंड रही।
मध्य प्रदेश में सर्दी का मौसम कब से शुरू हुआ था?
नवंबर के अंत से सर्दी का मौसम शुरू हुआ और जनवरी तक जारी रहा।
शीतलहर का असर किस पर पड़ा?
शीतलहर का असर किसानों की फसलों पर पड़ा और उन्हें भारी नुकसान हुआ।
अब मौसम में क्या बदलाव आ सकता है?
अगले दो से तीन दिनों में मौसम में बदलाव हो सकता है, जिससे ठंड की तीव्रता में कमी आएगी।

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