मध्य प्रदेश सरकार ने सर्पदंश को घोषित किया स्थानीय आपदा, एक साल में हुई 2500 लोगों की मौत

मध्य प्रदेश सरकार ने सर्पदंश को स्थानीय आपदा घोषित किया है। राज्य में एक साल में 2500 से अधिक लोगों की मौत हुई है। सरकार ने बचाव के लिए उठाए जरूरी कदम...

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Amresh Kushwaha
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मध्य प्रदेश सरकार ने सर्पदंश (snake bite) की बढ़ती घटनाओं के बाद इसे हर जिले में स्थानीय आपदा (local disaster) घोषित कर दिया है। पिछले एक साल में सर्पदंश से राज्य में 2500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदेश में यह एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है।

इस मुद्दे पर राज्य सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी पहल करते हुए, सर्पदंश को लेकर एक विस्तृत रणनीति तैयार की है, ताकि भविष्य में इन घटनाओं को नियंत्रित किया जा सके।

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सरकार द्वारा उठाए गए कदम

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सर्पदंश को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है। इसमे बताया गया है कि सर्पदंश की घटनाओं को रोकने के लिए हर जिले में सर्प मित्र (snake friend) और स्नेक कैचर (snake catcher) की तैनाती की जाएगी। इनकी मदद से सर्पदंश के मामलों पर जल्दी प्रतिक्रिया दी जाएगी। इसके अलावा, सरकार ने सर्पदंश की घटनाओं में कमी लाने के लिए हर जिले को 23.17 लाख रुपए का बजट आवंटित किया है।

चलाया जाएगा जन जागरुकता अभियान

स्नेक बाइट से बचाव के लिए सरकार ने विभिन्न स्तरों पर जन जागरूकता अभियान शुरू किया है। ग्राम पंचायत और शहरी वार्ड स्तर पर स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। सोशल मीडिया, रेडियो, होर्डिंग्स और प्रिंट मीडिया के जरिए लोगों को स्नेक बाइट से बचाव और प्राथमिक उपचार के उपायों के बारे में बताया जाएगा। इसके अलावा, स्कूलों और कॉलेजों में भी विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे, ताकि बच्चों को इस खतरनाक समस्या से अवगत कराया जा सके और उन्हें इसके प्रति सचेत किया जा सके।

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आपातकालीन सेवाओं को करेंगे मजबूत 

मध्य प्रदेश सरकार ने आपातकालीन सेवाओं को और अधिक मजबूत बनाने का फैसला लिया है। सभी सरकारी अस्पतालों में एंटी-वेनम (Anti-Venom) का पर्याप्त भंडारण तय किया जाएगा। इसके अलावा, पीड़ितों को नजदीकी चिकित्सा केंद्र तक पहुंचाने की व्यवस्था को भी बेहतर बनाया जाएगा। इससे आपात स्थिति में त्वरित चिकित्सा सहायता मिल सकेगी।

Snake bite से बचने के लिए जरूरी उपाय

सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि समुदाय को सर्पदंश की घटनाओं की रोकथाम में शामिल किया जाए। विशेष रूप से, ग्रामीणों को खेतों और जंगलों में काम करते समय मोटे जूते और दस्ताने पहनने की सलाह दी जाएगी। इसके अलावा, घरों के आसपास सफाई रखने, झाड़ियों को काटने और कूड़े के उचित निपटान पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। पशुपालकों को पशुशालाओं के आसपास बाड़ लगाने और पर्याप्त रोशनी का प्रबंध करने की सलाह दी गई है।

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Snake bite से निपटने के लिए आवंटित बजट

राज्य सरकार ने इस अभियान के लिए प्रत्येक जिले को 23.17 लाख रुपए आवंटित किए हैं। यह बजट जन जागरूकता, प्रशिक्षण, मॉक ड्रिल और प्राथमिक उपचार की जानकारी देने के कार्यक्रमों पर खर्च किया जाएगा। सरकार ने जनता से अपील की है कि यदि स्नेक बाइट की स्थिति उत्पन्न हो तो पहले एक घंटे को "गोल्डन आवर" (Golden Hour) समझकर त्वरित सहायता प्रदान की जाए।

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