मध्य प्रदेश में तकनीकी और औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए उज्जैन और रीवा में दो नए आईटी पार्क बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इसी महीने इन परियोजनाओं का भूमिपूजन करेंगे। इन पार्कों की कुल लागत 101 करोड़ रुपए है, जिसमें से 48 करोड़ रुपए उज्जैन और 53 करोड़ रुपए रीवा में निवेश किए जाएंगे। इन पार्कों का उद्देश्य राज्य के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना और स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा करना है।
रीवा और उज्जैन में आईटी पार्क की स्थापना
मध्य प्रदेश के रीवा और उज्जैन जिलों में दो नए आईटी पार्क स्थापित किए जाएंगे, जिससे राज्य के औद्योगिक और आर्थिक विकास को गति मिलेगी। इन परियोजनाओं का भूमिपूजन इसी महीने मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा। पार्कों के निर्माण में कुल 101 करोड़ रुपए का निवेश होगा, जिससे दोनों क्षेत्रों में रोजगार और आर्थिक अवसर बढ़ेंगे।
आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम के लिए विशेष क्षेत्र
इन आईटी पार्कों में 60 प्रतिशत क्षेत्र आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम (इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग) से संबंधित इकाइयों के लिए आरक्षित रहेगा। इससे संबंधित उद्योगों के विकास के लिए अनुकूल माहौल मिलेगा, जबकि 40 प्रतिशत क्षेत्र का उपयोग वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
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राज्य सरकार की निवेश संवर्धन नीति में सुधार
मध्य प्रदेश सरकार ने आईटी और ईएसडीएम क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अपनी निवेश प्रोत्साहन नीति-2023 में कई सुधार किए हैं। इस नीति के तहत राज्य में उद्योगों को आकर्षित करने के लिए निवेशकों को सिंगल विंडो क्लीयरेंस, सस्ती दरों पर जमीन और अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
मिलेंगे रोजगार के नए अवसर
इन आईटी पार्कों के निर्माण से रीवा और उज्जैन क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आएगी, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इससे न केवल इन क्षेत्रों का आर्थिक विकास होगा, बल्कि राज्य की समग्र आर्थिक प्रगति में भी योगदान मिलेगा। राज्य सरकार पहले ही भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में आईटी पार्क स्थापित कर चुकी है। अब उज्जैन और रीवा में नए पार्कों के निर्माण से मध्य प्रदेश को आईटी क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी और यह राज्य की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
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