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मध्य प्रदेश को एक और टाइगर रिजर्व की सौगात मिलने जा रही है। प्रदेश के 9वें और देश के 58वें टाइगर रिजर्व, माधव टाइगर रिजर्व (Madhav Tiger Reserve) का सोमवार शाम 4 बजे उद्घाटन किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मौजूद रहेंगे। इस टाइगर रिजर्व में फिलहाल बाघों की संख्या पांच है। जिनमें दो शावक भी शामिल हैं। उद्घाटन के दौरान एक मादा बाघिन को यहां छोड़ा जाएगा।
एमपी को हासिल है टाइगर स्टेट का दर्जा
मध्य प्रदेश देश में सबसे अधिक टाइगर रिजर्व वाला राज्य बन गया है। यहां अब कुल 9 टाइगर रिजर्व हैं, जिनमें कुल 750 बाघ हैं। इसके बाद महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है, जहां 6 टाइगर रिजर्व हैं।
बाघ इंसानों के बीच सिर्फ दीवार का फासला
टाइगर और इंसानों के बीच दीवार मात्र का फासला है। हालांकि यह दीवार काफी मजबूत और ऊंची है। टाइगर रिजर्व 13.5 किमी लंबी, 8 फीट ऊंची दीवार से घिरा होने और शहरी इलाके से सटा होने से यह और खास हो जाता है। यहां रिजर्व के भीतर कई ऐतिहासिक भवन व पक्षी विहार भी हैं।
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माधव टाइगर रिजर्व की खासियत
माधव टाइगर रिजर्व भारत का पहला ऐसा टाइगर रिजर्व है, जिसमें रामसर साइट भी शामिल है। यहां स्थित सांख्य सागर (Chandpatha Lake) को 2022 में अंतरराष्ट्रीय महत्व की जल संरचना घोषित किया गया था। यह रिजर्व 1651.38 वर्ग किमी में फैला है, जिसमें 375.28 वर्ग किमी का कोर एरिया और 1276.15 वर्ग किमी का बफर एरिया शामिल है। यहां वन्यजीवों के साथ-साथ ऐतिहासिक भवन और पक्षी विहार (Bird Sanctuary) भी हैं, जो इसे पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाते हैं।
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भोपाल में इंसानों के बीच दिखते हैं टाइगर
मध्य प्रदेश के कुछ Tiger Reserve ऐसे हैं, जहां बाघ अक्सर इंसानों के करीब आ जाते हैं। भोपाल के पास मौजूद रातापानी Tiger Reserve से भी कई बार बाघ भोपाल शहर तक पहुंच जाते हैं। कलियासोत रोड, कोलार रोड, मैनिट कॉलेज और जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी में कई बार बाघ देखे जा चुके हैं।