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भोपाल (Bhopal) का कारोबारी सौरभ आहूजा जयपुर के होटल फेयर माउंट में 3 जुलाई की शाम शादी कर रहा था। ईडी को इस शादी के बारे में इनपुट मिले और ED की टीम के वहां पहुंचने से पहले ही सौरभ को इसकी भनक लग गई। इसके बाद उसने तुरंत फेरे लिए और दुल्हन के साथ ही होटल से भाग निकला। दरअसल महादेव सट्टा एप (Mahadev Betting App) मामले में सौरभ आहूजा का नाम सामने आया था।
लग्जरी होटल में चल रहा था शादी का कार्यक्रम
बुधवार को सौरभ आहूजा होटल में VIP तरीके से शादी कर रहा था। शादी का कार्यक्रम चल ही रहा था कि तभी ईडी की टीम वहां पहुंच गई। हालांकि सौरभ और उसकी पत्नी पहले ही वहां से फरार हो गए थे। ईडी ने मौके से तीन अन्य लोगों को पकड़ा, जिनमें सौरभ का साथी प्रणवेंद्र भी शामिल है। इन सभी को फ्लाइट से रायपुर भेज दिया गया।
परिवार से भी पूछताछ
सौरभ के परिजनों और शादी में मौजूद लोगों से भी पूछताछ की गई। ईडी की टीम को उनसे कोई खास जानकारी नहीं मिली। 15 सितंबर 2023 को ईडी ने सौरभ के भोपाल के ईदगाह हिल्स वाले घर और रैपिड ट्रैवल्स के ऑफिस पर रेड मारी थी।
सौरभ का का नाम महादेव एप (Mahadev Satta App) के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर (Saurabh Chandrakar) और रवि उप्पल से जोड़ा गया था। 16 अप्रैल को भी ईडी ने जयपुर के सोडाला इलाके में भरत दाधीच के फ्लैट पर रेड की थी। ये भी महादेव एप से जुड़ा मामला था।
कौन है सौरभ आहूजा
सौरभ आहूजा भोपाल का एक करोबारी है। उसका नाम महादेव सट्टा एप से जुड़े एक हाई-प्रोफाइल शादी समारोह में सामने आया। बताया जा रहा है कि रायपुर के मुख्य आरोपी की दुबई में हुई शादी में सौरभ आहूजा की फैमिली ने मेहमानों को ले जाने के लिए विशेष चार्टर्ड फ्लाइट की बुकिंग में मदद की थी।
इस आयोजन से जुड़े ट्रैवल अरेंजमेंट में रैपिड ट्रेवल्स के धीरज आहूजा और विशाल आहूजा की भी भूमिका सामने आई थी। इन्हीं के ठिकानों पर 15 सितंबर 2023 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी की थी।
महादेव सट्टा एप क्या है?
महादेव सट्टा एप एक ऑनलाइन सट्टा एप है, जो क्रिकेट, फुटबॉल, लूडो और ताश जैसे गेम्स पर दांव लगाने की सुविधा देता है। यह एप सीधे डाउनलोड नहीं किया जा सकता। जब कोई व्यक्ति इंटरनेट पर इस एप को सर्च करता है तो कुछ मोबाइल नंबर सामने आते हैं।
इन नंबरों पर कॉल करने पर WhatsApp के ज़रिए एक रजिस्ट्रेशन लिंक भेजा जाता है और 100 से 500 तक सिक्योरिटी मनी जमा करने को कहा जाता है। इसके बाद उपयोगकर्ता को एक WhatsApp नंबर मिलता है, जिसके माध्यम से वह अपनी पसंद के गेम पर सट्टा लगा सकता है। दांव लगने के बाद हार-जीत का पैसा सीधे बैंक खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर किया जाता है।
महादेव सट्टा रैकेट का पर्दाफाश कैसे हुआ?
यह मामला सबसे पहले छत्तीसगढ़ के दुर्ग में सामने आया, जब क्रिकेट पर सट्टा लगाने वाले तीन लोगों – आलोक सिंह, खड्ग सिंह और राम प्रवेश साहू को गिरफ्तार किया गया। इनसे पूछताछ और मोबाइल की जांच में "महादेव बुक" नाम की सट्टा व्यवस्था का खुलासा हुआ।
जांच में सामने आया कि भिलाई का सौरभ चंद्राकर इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड है, जो अपने साथी रवि उप्पल और कारोबारी अनिल अग्रवाल के साथ मिलकर दुबई से इस ऑनलाइन सट्टा एप को चला रहा है। इसके प्रमोशन के लिए कई सेलेब्रिटी भी एड कर चुके हैं, ED ने बॉलीवुड के कई एक्टर एक्ट्रेस से इस मामले में पूछताछ की है।
जिसमें तमन्ना भाटिया, नुसरत भरूचा, कृष्णा अभिषेक, अली असगर, विशाल ददलानी, पुलिकत सम्राट, नेहा कक्कड़, एली अवराम, भारती सिंह, सनी लियोनी, भाग्यश्री, आतिफ असलम, टाइगर श्रॉफ जैसे नाम शामिल हैं।
देशभर में फैला जाल, ED-CBI की जांच
इस मामले में अब तक छत्तीसगढ़ में 70 से ज्यादा केस दर्ज हो चुके हैं और 300 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस को करीब 3,000 बैंक अकाउंट मिले हैं, जिनमें करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ है। 2023 में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला के एंगल से केस दर्ज किया और हाल ही में ACB और EOW ने भी जालसाजी और साजिश के तहत मामला दर्ज किया है।
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