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भोपाल समेत पूरे मध्य प्रदेश को हिलाकर रख देने वाले परिवहन विभाग के रिटायर्ड कांस्टेबल सौरभ शर्मा हाईकोर्ट से जमानत लेने की कोशिश में लगा है।सौरभ को लोकायुक्त केस में जमानत मिल चुकी है, लेकिन ईडी द्वारा दर्ज किए गए मनी लॉन्ड्रिंग केस के कारण वे अभी भी जेल में है। इसी बीच, ईडी की 814 पन्नों की जांच रिपोर्ट सामने आई है। इसमें इस दुनिया की सबसे महंगी करीब 52 करोड़ की एमपी 07 बीए 0050 इनोवा कार (इसमें 11.61 करोड़ नकद और करीब 52 किलो सोना था जो 40.27 करोड़ रुपए का आंका गया था) का राज भी खुला है।
कहां मिली थी यह कार
यह कार एमपी 07 बीए 0050 इनोवा लोकायुक्त छापे में नजर नहीं आई और जब आयकर विभाग ने छापा मारा तो यह कार मेंडोरा के जंगल में एक प्लॉट पर खड़ी मिली। प्लॉट कमलेश अरोरा पति किशन अरोरा के नाम पर है। इस कार को खोला गया तो इसमें 11.61 करोड़ 83 हजार 500 रुपए मिले और 40 करोड़ 27 लाख की कीमत का 51.893 किलो सोना मिला।
ईडी ने बताया यह सोना सौरभ ने किससे खरीदा
ईडी की जांच रिपोर्ट में यह पुख्ता किया गया है कि यह कार और इसमें रखी नगदी और सोना दोनों ही सौरभ शर्मा के थे। शर्मा के स्कूल मित्र और इस केस में आरोपी चेतन सिंह गौर ने बताया कि- यह इनोवा कार मेरे द्वारा खरीदी गई थी लेकिन इसका उपयोग सौरभ शर्मा द्वारा किया जाता था। यह सोना भी सौरभ का ही है। प्रीतम नाम का व्यक्ति उनके आवास 7/657 पर आता रहता था और सोना दे जाता था। बाद में सौरभ आकर यह सोना ले जाता था।
लोकायुक्त से बचकर सोना और कैश लदी कार कैसे निकली
जब 19 दिसंबर को सौरभ शर्मा के आवास पर छापेमारी हुई तो फिर यह कार कहां कैसे बच गई। इस पर उसके रिश्तेदार विनय हसवानी ने ईडी को बताया कि- 19 दिसंबर की दोपहर 2.15 बजे सौरभ शर्मा के ड्राइवर प्यारेलाल केवट का फोन आया। बताया गया कि दोपहर 2.15 बजे सौरभ का फोन आया और कहा कि वह वाहन सुरक्षित जगह पार्क करने के लिए आपसे संपर्क करे। क्योंकि वह अभी बाहर है और भारत वापस आने पर वाहन ले लेगा। इस पर विनय ने प्यारेलाल को एनआईएलयू कैंपस बुलाया लेकिन उसने कहा कि वह यह जगह नहीं जानता है। फिर वह दोपहर में ढाई बजे भोपाल के रोहित नगर बवरियां कला में मिले। हसवानी अमेज कार एमपी 07 सीडी 1191 में था और प्यारेलाल ने इनोवा कार से उसे फॉलो किया। इसके बाद बरखेड़ी कला भोपाल में कमलेश आरोरा पति किशन अरोरा के प्लॉट पर रख दी। यह प्लॉट विनय और किशन ने 24 लाख में पार्टनरशिप में खरीदा था।
104 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच, 150 करोड़ का दुबई में विला
ईडी की जांच रिपोर्ट के अनुसार, सौरभ शर्मा ने जब कांस्टेबल की नौकरी से रिटायरमेंट लिया, तब उसका वेतन केवल 28 हजार रुपए प्रति माह था। उसने अनसिक्योर्ड लोन के जरिए अपने दोस्त, परिजनों के नाम पर जमकर ब्लैक मनी को कंपनियों में शिफ्ट किया और फिर चल-अचल अकूत अचल संपत्तियां खरीदी। इसमें से प्रारंभिक तौर पर 108 करोड़ की संपत्तियां ईडी ने अटैच की हैं। दुबई में भी उसका 150 करोड़ का विला होने की बात सामने आई है।
ईडी ने 108.25 करोड़ की ये संपत्ति अटैच की है
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आयकर विभाग द्वारा जब्त हुए गोल्ड, कैश के साथ अन्य प्रॉपर्टी – 92.07 करोड़ की
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बैंक खातों की राशि- 8.52 करोड़ रुपए
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लोकायुक्त द्वारा सीज की गई संपत्ति इसमें चेतन सिंह गौर के आवास से 1.68 करोड़ 70 हजार रुपए कैश और 2.10 करोड़ की चांदी भी थी। साथ ही सौरभ के आवास से 1.14 करोड़ कैश, 50.37 लाख की ज्वेलरी व 2.21 करोड़ की अन्य कीमती सामग्री– 7.65 करोड़
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ईडी ने इस केस में पीएमएलए केस में 12 आरोपी बनाए हैं
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सौरभ शर्मा, E7/78 अरेरा कॉलोनी
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शरद जायसवाल
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चेतन सिंह गौर, E7/657 भोपाल
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मेसर्स अविरल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन प्रालि- जायसवाल, चेतन
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उमा शर्मा पत्नी स्वर्गीय राकेश शर्मा
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दिव्या तिवारी पति सौरभ शर्मा
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मेसर्स अविरल इंटरप्राइजेस प्रालि- दिव्या तिवारी
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विनय हसवानी पिता लीलाराम हसवानी -वार्डन रेसीडेंस एनआईएलयू कैंपस, केरवाडेम रोड
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रोहित तिवारी पिता स्वर्गीय प्रमोद तिवारी, जबलपुर
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मेसर्स इंस्टेंट यूआर इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रालि
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प्यारेलाल केवट पिता मगधु केवट, होशंगाबाद
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मेसर्स राजमाता भरत माता शिक्षा एवं सेवा प्रेसीडेंट उमा शर्मा
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