/sootr/media/media_files/2025/08/10/mahakal-ki-paanchvi-sawari-2025-2025-08-10-15-50-41.jpg)
सावन और भाद्रपद मास के दौरान भगवान महाकालेश्वर (Mahakaleshwar) की सवारी का भक्तों को बेसब्री से इंतजार रहता है। इसी कड़ी में आज 11 अगस्त, सोमवार को बाबा महाकाल की पांचवी सवारी निकाली जाएगी।
यह भाद्रपद माह की पहली सवारी है जिसका धार्मिक महत्व बहुत अधिक माना जाता है। इस दिन बाबा महाकाल अपने भक्तों को पांच अलग-अलग स्वरूपों में दर्शन देकर उन्हें प्रसन्न करेंगे। यह सवारी शाम 4 बजे महाकालेश्वर मंदिर से शुरू होकर परंपरागत मार्ग से नगर भ्रमण के लिए निकलेगी।
यह भव्य आयोजन सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं बल्कि आस्था, संस्कृति और भक्ति का एक अद्भुत संगम होता है जिसमें लाखों भक्त शामिल होते हैं। इस खास मौके पर भगवान के दर्शन करने के लिए देशभर से भक्त उज्जैन आते हैं।
सवारी के दौरान पूरे शहर में भक्ति का माहौल छा जाता है और हर गली-मोहल्ले में 'जय महाकाल' के जयकारे गूंजते हैं। इस बार की सवारी को और भी खास बनाने के लिए कई तरह की तैयारियां की गई हैं।
पांच स्वरूपों में दर्शन देंगे बाबा महाकालभगवान महाकाल की सवारी में उनके पांच अलग-अलग स्वरूपों के दर्शन होंगे, जो भक्तों के लिए एक अनमोल अवसर है।
सवारी शुरू होने से पहले, मंदिर के सभामंडप में भगवान का विशेष पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद, मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवान पालकी में विराजित भगवान को सलामी देंगे, जो इस परंपरा का एक अहम हिस्सा है। |
ये खबर भी पढ़ें... उज्जैन के राजा महाकाल को बांधी गई राखी, भक्तों में बंटेगा सवा लाख लड्डुओं का प्रसाद
सवारी का मार्ग और खास आकर्षण
सवारी अपने पारंपरिक मार्ग से होते हुए आगे बढ़ेगी, जिससे पूरे शहर में भक्ति की लहर दौड़ जाएगी।
सवारी का मार्ग
सवारी महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट पहुंचेगी। शिप्रा नदी के घाट पर भगवान का अभिषेक और पूजन किया जाएगा।
इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होते हुए फिर श्री महाकालेश्वर मंदिर लौट जाएगी।
सवारी के मुख्य आकर्षण
इस बार की सवारी में कई खास चीजें भक्तों को आकर्षित करेंगी। मध्यप्रदेश के प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थलों की झांकियां भी इसमें शामिल होंगी।
इनमें श्री राजाराम लोक ओरछा, मां बगलामुखी माता मंदिर, मां शारदा शक्तिपीठ मैहर और देवीलोक मां श्री बिजासन माता धाम सलकनपुर की प्रतिकृतियां प्रदर्शित की जाएंगी।
इसके अलावा चार जनजातीय कलाकार भी अपनी प्रस्तुतियां देंगे। बैतूल से गौण्ड जनजातीय ठाट्या नृत्य, खजुराहो से कछियाई लोक नृत्य, दमोह से बधाई लोक नृत्य और डिंडोरी का गेडी जनजातीय नृत्य आकर्षण का केंद्र होंगे जो इस आयोजन को और भी रंगीन बनाएंगे।
ये खबर भी पढ़ें...उज्जैन के राजा बाबा महाकाल को सबसे पहले बंधी गई राखी, सवा लाख लड्डुओं का लगा भोग
thesootr links
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧
बाबा महाकाल की सवारी | उज्जैन के महाकाल मंदिर | उज्जैन के बाबा महाकाल | Mahakaal Darshan | Ujjain Mahakaal Darshan