भाद्रपद मास की द्वादशी को मस्तक पर त्रिपुंड चंद्र, शेषनाग का मुकुट से हुआ बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार

20 अगस्त को भाद्रपद मास की द्वादशी पर, श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में भस्म आरती का दिव्य श्रृंगार हुआ। बाबा महाकाल को रजत मुकुट और पुष्पों से सजाया गया।

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Kaushiki
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बाबा महाकालभस्म आरती:उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में आज का दिन बेहद खास रहा। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि के अवसर पर तड़के 4 बजे से ही मंदिर के कपाट खुल गए।

यह सुबह की भस्म आरती का समय था, जिसका अनुभव करने के लिए देश-विदेश से सैकड़ों श्रद्धालु उमड़ पड़े। यह क्षण न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि इसका आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मूल्य भी बहुत गहरा है।

बाबा महाकाल का अद्भुत श्रृंगार

 उज्जैन के बाबा महाकाल की भस्म आरती से पहले, भगवान महाकाल का दिव्य श्रृंगार किया गया, जो हर दिन एक नया रूप लेता है। आज सुबह, सबसे पहले भगवान का जल से अभिषेक किया गया।

यह शुद्धि की पहली क्रिया होती है। इसके बाद, दूध, दही,, घी, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक किया गया। पंचामृत अभिषेक का विशेष महत्व है क्योंकि यह पांच पवित्र तत्वों का मिश्रण है जो भगवान को अर्पित किए जाते हैं।

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भगवान महाकाल को भांग, चन्दन, मोगरे, गुलाब के पुष्प से राजा स्वरूप में शृंगारित किया।

मस्तक पर त्रिपुंड चंद्र

आज का श्रृंगार विशेष रूप से आकर्षक था। बाबा महाकाल के मस्तक पर त्रिपुंड चंद्र अर्पित किया गया, जो ज्ञान और शीतलता का प्रतीक है। इसके अलावा, उन्हें शेषनाग का रजत मुकुट धारण कराया गया, जो उनकी दिव्यता और ब्रह्मांडीय शक्ति को दर्शाता है।

रजत की मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला और सुगंधित फूलों की माला से बाबा को सजाया गया। यह श्रृंगार न केवल देखने में मनमोहक था, बल्कि यह भक्तों के मन में भक्ति की भावना को और भी मजबूत कर रहा था। ड्रायफ्रूट्स से बने आकर्षक श्रृंगार ने बाबा के रूप को और भी दिव्य बना दिया।

आस्था और भक्ति का सैलाब

आज की भस्म आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। तड़के 4 बजे से ही मंदिर के बाहर भक्तों की लंबी कतारें लग चुकी थीं। हर कोई इस अलौकिक दर्शन का हिस्सा बनना चाहता था।

भक्तों ने कतार में खड़े होकर “हर हर महादेव” और “जय महाकाल” के नारे लगाए। मंदिर में प्रवेश के बाद, उन्होंने बाबा महाकाल के दर्शन किए और नंदी महाराज के दर्शन कर उनके कान में अपनी मनोकामनाएं बताईं।

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