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उज्जैन महाकाल मंदिर में अब सभी कर्मचारियों, पुजारियों और उनके प्रतिनिधियों के लिए ड्रेस कोड और आईडी कार्ड जरूरी होगा। यह निर्णय मंदिर प्रबंध समिति ने लिया है।
इसका मकसद श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा देना है। साथ ही मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को और प्रभावी बनाना है। अब मंदिर में काम करने वाले हर व्यक्ति के पास ड्रेस कोड और आईडी कार्ड होगा। इससे मंदिर में सुरक्षा और व्यवस्था दोनों में सुधार होगा।
ड्रेस कोड और आईडी कार्ड अनिवार्य
महाकालेश्वर मंदिर के प्रबंधक प्रथम कौशिक ने बताया कि पहले मंदिर (Ujjain News) में काम करने वाले कर्मचारी और पुजारी बिना किसी तय ड्रेस कोड के काम करते थे।
अब नए फैसले के अनुसार, सभी को एक निर्धारित पोशाक पहनना होगा। इसके साथ ही ड्यूटी के दौरान उन्हें अपना आईडी कार्ड भी पहनना अनिवार्य होगा। इस व्यवस्था से मंदिर के अधिकृत और अनधिकृत कर्मचारियों के बीच अंतर स्पष्ट हो जाएगा।
सुरक्षा और अनुशासन को मिलेगा बढ़ावा
अब यह बदलाव सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करेगा। पहले कई बार अनधिकृत लोग मंदिर में घुस आते थे। वे पुजारी बनकर मंदिर परिसर में प्रवेश कर जाते थे।
इससे सुरक्षा व्यवस्था में कई समस्याएं आती थीं। अब ड्रेस कोड और आईडी कार्ड से यह समस्या हल हो जाएगी। केवल अधिकृत व्यक्ति ही मंदिर के भीतर प्रवेश कर सकेंगे।
ड्रेस कोड का फायदा
महाकालेश्वर मंदिर समिति का मानना है कि यह नई व्यवस्था श्रद्धालुओं के अनुभव को बेहतर बनाएगी। ड्रेस कोड से मंदिर में अनुशासन रहेगा। श्रद्धालुओं को यह विश्वास होगा कि वे सही व्यक्तियों से सेवा प्राप्त कर रहे हैं।
इससे मंदिर परिसर में व्यवस्था (MP News) बनेगी और भीड़-भाड़ कम होगी। लोग यह महसूस करेंगे कि वे एक उचित और संरक्षित माहौल में हैं। इससे श्रद्धालुओं को एक नया और अच्छा अनुभव मिलेगा। समिति का उद्देश्य मंदिर के माहौल को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रखना है।
महाकालेश्वर मंदिर में बढ़ेगी सुविधा
महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। मंदिर में भक्ति और आस्था का खास महत्व है।
हाल ही में, मंदिर प्रशासन (mahakal mandir news) में कुछ बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य प्रशासन को और प्रभावी बनाना है। इस नई व्यवस्था से मंदिर में श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। इन बदलावों से मंदिर का संचालन भी सुचारु रूप से होगा।
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