मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में 6 जून 2017 को हुए गोलीकांड की जांच को लेकर राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। यह आदेश पूर्व विधायक पारस सकलेचा की पिटीशन पर जस्टिस संदीप दास और जस्टिस विक्रम मेहता ने दिया। कोर्ट ने राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब देने का आदेश दिया है।
5 किसानों की मौत का मामला
दरअसल, मंदसौर के पिपलिया मंडी क्षेत्र में किसान आंदोलनकारियों पर पुलिस ने गोली चलाई थी, जिससे 5 किसानों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद, पारस सकलेचा ने सरकार से सीबीआई जांच की मांग की थी और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अपील की थी। उन्होंने 15 सितंबर 2017 को इंदौर हाईकोर्ट में पिटीशन दाखिल की थी, जिसमें मांग की गई थी कि इस गोलीकांड की निष्पक्ष जांच की जाए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
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हाईकोर्ट का फैसला
वहीं इस घटना के बाद राज्य सरकार ने 12 जून 2017 को जैन आयोग का गठन किया, जिसने अपनी रिपोर्ट 13 जून 2018 को राज्य सरकार को सौंप दी। हालांकि, 4 साल बाद भी उस रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर नहीं रखा गया था। इस पर पारस सकलेचा ने 3 मई 2022 को फिर से इंदौर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि वह जैन आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई करे और उसे विधानसभा के पटल पर रखे।
हाईकोर्ट ने 14 अक्टूबर 2024 को पारस सकलेचा की याचिका खारिज करते हुए कहा कि 6-7 साल बाद रिपोर्ट को विधानसभा में रखने का कोई उचित कारण नहीं दिखता। इसके बाद, पारस सकलेचा ने उच्चतम न्यायालय में 8 जनवरी 2025 को याचिका दायर की। इस पर, माननीय सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और चार सप्ताह के भीतर जवाब देने का आदेश दिया।
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