पिछले दिनों भोपाल में पकड़ी गई 1814 करोड़ की एमडी (मेफोड्रोन) ड्रग्स मामले में प्रदेश का मंदसौर एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इसकी वजह है ड्रग्स कांड के दोनों मुख्य आरोपी हरीश आंजना और प्रेमसुख पाटीदार मंदसौर से हैं। इसके अलावा एक वजह है मंदसौर की जेल। बताया गया कि यहां की जेल ड्रग्स तस्करों से भर गई है। जानकारी के अनुसार जिला जेल में करीब 62 फीसदी कैदी नशीले पदार्थों की तस्करी से जुड़े हुए हैं।
क्या है ड्रग्स फैक्ट्री की सच्चाई, कैसे और कहां की गई थी प्लानिंग, कैसे मिले इसके आरोपी
कितनी है जेल की क्षमता?
सूत्रों की मानें तो मंदसौर जिला जेल की क्षमता 372 कैदियों की है। यहां अभी 642 कैदी बंद हैं। इनमें से 398 कैदी एनडीपीएस एक्ट (नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) के तहत गिरफ्तार किए गए हैं। बाकी शेष 244 अन्य अपराधों हत्या, लूटपाट, धोखाधड़ी और घरेलू हिंसा जैसे मामलों में शामिल हैं। सहायक जेल अधीक्षक राजेश विश्वकर्मा ने बताया कि इन कैदियों में 630 पुरुष और 12 महिलाएं शामिल हैं।
नई जेल का भेजा प्रस्ताव
मंदसौर जेल में कैदियों की संख्या में बढ़ोतरी की वजह है कि गरोठ उप-जेल से भी नशीले पदार्थों के आरोपी कैदियों को शिफ्ट किया जा रहा है। इस वजह से मंदसौर जेल में कैदियों की संख्या बड़ रही है। बताया गया कि अभी जेल 1.06 हेक्टेयर में बनी है। भूखी गांव में 39 एकड़ में नई जेल बनाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।
FAQ
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक