छतरपुर में दूल्हा बनी सोनम ने दुल्हन मानसी के साथ लिए सात फेरे, शपथ पत्र के जरिए जताई थी इच्छा
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में समलैंगिक विवाह का एक नया और चर्चित मामला सामने आया है। दो युवतियों ने अपनी इच्छा से एक-दूसरे के साथ शादी की और इसे कानूनी रूप से मान्यता देने के लिए शपथ पत्र पर साक्षर किए। यह घटना नौगांव तहसील के एक छोटे से गांव की है।
MP News : मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में समलैंगिक विवाह का मामला सामने आया है। दो युवतियों ने अपनी इच्छानुसार एक-दूसरे से शादी की और इस संबंध को कानूनी रूप से स्वीकार करते हुए शपथ पत्र पर हस्ताक्षर किए। यह मामला नौगांव तहसील के एक गांव का है, जहां दोनों युवतियां एक-दूसरे के साथ रहने के लिए परिवार से नाता तोड़ने का निर्णय ले चुकी हैं।
युवतियों का पारिवारिक संबंध समाप्त
दोनों युवतियां, जिनकी उम्र 21 और 24 साल है, ने अपने-अपने परिवार से संबंधों को खत्म करने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि वे अपनी मर्जी से एक-दूसरे के साथ रहना चाहती हैं, और परिवार ने इस रिश्ते को स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने शपथ पत्र में लिखा कि यह रिश्ता उनकी स्वीकृति से है और यदि किसी प्रकार का विवाद हुआ तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उनकी होगी।
सोशल मीडिया से शुरू हुई दोस्ती, फिर विवाह तक का सफर
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सोनम यादव और मानसी वर्मन की मुलाकात इंस्टाग्राम पर हुई थी, जहां से उनकी दोस्ती शुरू हुई और धीरे-धीरे वे एक-दूसरे के प्यार में पड़ गईं। 21 मार्च को सोनम अचानक अपने घर से गायब हो गई, जिसके बाद परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर उन्हें कानपुर में ट्रेस किया और कुछ दिनों बाद वे एक साथ घर लौट आईं।
दोनों युवतियों ने शपथ पत्र में यह भी उल्लेख किया कि वे अब अपने परिवार के साथ कोई संबंध नहीं रखना चाहतीं। एक युवती ने बताया कि उनका विवाह दो साल पहले मंदिर में हुआ था, और अब वे अपनी मर्जी से साथ रहना चाहती हैं। चूंकि परिवार इस रिश्ते को स्वीकार नहीं कर रहा था, इसलिए उन्होंने कानूनी रूप से शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर विवाह को औपचारिक रूप से स्वीकार किया है।
यह शादी नौगांव थाने में पुलिस की मौजूदगी में हुई और सोनम को दूल्हे तथा मानसी को दुल्हन का दर्जा दिया गया। हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार उनका गृह प्रवेश भी कराया गया। सोनम के परिवार का कहना है कि वे अपनी बेटी की खुशी में खुश हैं और इस रिश्ते को स्वीकार करते हैं। दोनों युवतियों ने अब असम की एक फैक्ट्री में काम सीखने जाने का निर्णय लिया है और वे जल्द ही अपने गांव लौटकर नया जीवन शुरू करेंगी।
नौगांव थाना प्रभारी सटीक सिंह ने बताया कि गुमशुदगी की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए दोनों युवतियों को सुरक्षित उनके परिवारों को सौंप दिया था। इस मामले में अब तक किसी प्रकार की शिकायत नहीं आई है।
समाजसेवी की प्रतिक्रिया
समाजसेवी तृप्ति कठेल ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि हमारे देश में हर व्यक्ति को अपनी पसंद और विचारधारा के अनुसार जीने का अधिकार है। यह देश लोकतांत्रिक है और यहां हर किसी को अपनी पसंद के जीवनसाथी के साथ रहने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।
यह छतरपुर में समलैंगिक विवाह का दूसरा मामला है, जो पिछले तीन महीनों में सामने आया है। समाज में इस प्रकार के रिश्तों को लेकर भले ही विवाद हो, लेकिन इन युवतियों ने अपनी इच्छाओं के अनुसार अपना जीवन जीने का निर्णय लिया है और कानूनी प्रक्रिया के जरिए इसे स्वीकार किया है।