एम्स से प्लाज्मा चोरी कर बनाई जा रही थीं दवाएं ! भोपाल से नासिक,औरंगाबाद तक फैला खून का कारोबार

मध्य प्रदेश के भोपाल एम्स से 1150 यूनिट ब्लड प्लाज्मा चोरी कर महाराष्ट्र की लैब को 5800 रुपए लीटर में बेचा गया। पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर 11.72 लाख का प्लाज्मा बरामद किया।

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Ravi Awasthi
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BHOPAL.

राजधानी भोपाल एम्स से चोरी हुआ खून सिर्फ ब्लैक में नहीं बिका, बल्कि उससे बायोमेडिकल दवाएं बनाई जा रही थीं। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि भोपाल से शुरू हुआ यह प्लाज्मा चोरी रैकेट महाराष्ट्र की फार्मा इंडस्ट्री तक पहुंच गया, जहां चोरी के खून से इलाज की दवाएं तैयार की जा रही थीं। 

10 दिन में चोरी की 1150 यूनिट प्लाज्मा

बुधवार को एडिशनल डीसीपी गौतम सोलंकी ने पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया।  सोलंकी ने बताया कि एम्स ब्लड बैंक में आउटसोर्स कर्मचारी अंकित केलकर ने अपने साथियों अमित जाटव और लक्की पाठक के साथ मिलकर 18 से 27 सितंबर 2025 के बीच 1150 यूनिट एफएफपी (फ्रेश फ्रोज़न प्लाज्मा) चोरी कर लिया। आरोपी एम्स ब्लड बैंक में तैनात था और उसका टेंडर 30 सितंबर को खत्म होने वाला था। इसी के पहले उसने आखिरी वार करने की योजना बनाई।

महाराष्ट्र की लैब को बेचा गया प्लाज्मा

डीसीपी ने कहा कि पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि चोरी किया गया प्लाज्मा 5800 रुपए प्रति लीटर में महाराष्ट्र के नासिक और औरंगाबाद स्थित दो निजी लैब को बेचा गया।

नासिक का खरीदार था श्याम बडगुजर, जो थैलीसीमिया ब्लड बैंक, इंदौर से जुड़ा है।औरंगाबाद में करण चव्हाण ने यह प्लाज्मा खरीदा, जो सहयाद्री ब्लड बैंक और सिरपुर के स्व. मुकेश भाई पटेल ब्लड बैंक से जुड़ा है। इन लैबों में प्लाज्मा का इस्तेमाल बायोमेडिकल दवाएं बनाने में किया जा रहा था।

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सुरक्षा अधिकारी की शिकायत से खुला राज

एम्स भोपाल के प्रभारी सुरक्षा अधिकारी ज्ञानेंद्र प्रसाद ने 29 सितंबर 2025 को ब्लड बैंक से प्लाज्मा चोरी की शिकायत दर्ज कराई थी। जांच में डॉक्टर प्रतूल सिन्हा के बयान के बाद मामला और स्पष्ट हुआ। संदेह के आधार पर आरोपी अंकित केलकर को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की गई तो पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ।

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फार्मा कंपनियों को बेचने की फिराक में थे आरोपी

आरोपी प्लाज्मा को सीधे फार्मा कंपनियों को बेचने की तैयारी में थे, ताकि इसे दवा निर्माण में उपयोग किया जा सके। लेकिन पुलिस की कार्रवाई से पहले ही इन्हें पकड़ लिया गया।

जांच में पता चला कि लक्की पाठक और उसका भाई दीपक पाठक लंबे समय से ब्लड बैंकों से जुड़े रहे हैं और उनके महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में संपर्क हैं।

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6 आरोपी गिरफ्तार, 11.72 लाख का प्लाज्मा बरामद

पुलिस ने भोपाल और महाराष्ट्र से कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर 1123 यूनिट प्लाज्मा बरामद किया, जिसकी बाजार कीमत करीब 11.72 लाख रुपए है। गिरफ्तार आरोपी इस प्रकार हैं —

अंकित केलकर (26), निवासी अरेरा हिल्स, भोपाल

अमित जाटव (25), निवासी बरखेड़ा पठानी, भोपाल

लक्की पाठक (30), निवासी बरखेड़ी कला, भोपाल

दीपक पाठक (35), निवासी रातीबड़, भोपाल

श्याम बडगुजर (27), निवासी नासिक, हाल इंदौर

करण चव्हाण (25), निवासी औरंगाबाद

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प्लाज्मा का क्या होता है उपयोग

प्लाज्मा का उपयोग जले हुए मरीजों के इलाज, एल्बुमिन जैसी औषधि तैयार करने और फार्मा कंपनियों में बायोमेडिकल रिसर्च के लिए किया जाता है। चोरी का यह प्लाज्मा इन कंपनियों तक पहुंचा तो बड़ी स्वास्थ्य आपदा खड़ी हो सकती थी।

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