पुलिसवालों को अब नहीं काटने पड़ेंगे अस्पतालों के चक्कर, 24 घंटे में मिलेगी MLC रिपोर्ट

भारत में पुलिस विभाग ने अपराध जांच को तेज़ और पारदर्शी बनाने के लिए एक नई डिजिटल पहल शुरू की है। अब पुलिस कर्मियों को मेडिको-लीगल रिपोर्ट (MLC) प्राप्त करने के लिए अस्पतालों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

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Reena Sharma Vijayvargiya
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भारत में पुलिस विभाग ने अपराधों की जांच प्रक्रिया को तेजी और पारदर्शिता प्रदान करने के लिए एक नई पहल शुरू की है। अब पुलिस कर्मियों को मेडिको-लीगल रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए अस्पतालों के नहीं काटने पड़ेंगे। यह सुविधा अब केवल एक क्लिक पर, यानी डिजिटल माध्यम से उपलब्ध होगी।

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मेडिको लीगल रिपोर्ट 24 घंटे में पुलिस के पास

पिछले समय में पुलिस को एमएलसी रिपोर्ट प्राप्त करने में कई हफ्ते या महीने लग जाते थे, जो जांच प्रक्रिया में बाधा डालते थे। लेकिन अब मेडलीफ नामक सॉफ्टवेयर के जरिए ये रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर संबंधित थाने तक पहुंच जाएगी। इस सॉफ्टवेयर को मुख्यालय भोपाल में तैयार किया गया है और इसे शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के थानों से अस्पतालों से जोड़ दिया गया है। इसका मतलब है कि पुलिस को रिपोर्ट लेने के लिए अस्पतालों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी।

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मेडलीफ सॉफ्टवेयर से पुलिस को मैनपॉवर

पुलिस अधिकारी बताते हैं कि लगभग हर दूसरे अपराध में एमएलसी रिपोर्ट की आवश्यकता होती है। बिना इस रिपोर्ट के जांच अधूरी मानी जाती है। अब मेडलीफ सॉफ्टवेयर से पुलिसकर्मियों का यह बोझ काफी हद तक कम हो जाएगा। जयपुर अस्पताल में एमएलसी प्रभारी वीरेन्द्र बाथम के अनुसार, इस पोर्टल में एमएलसी की फीडिंग ऑनलाइन होगी और सभी थानों को इसके साथ जोड़ा जाएगा।

"पहले एमएलसी रिपोर्ट ऑफलाइन भरी जाती थी, जिसके कारण देरी होती थी, अब यह काम ऑनलाइन होने से रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर संबंधित थाने में पहुंच जाएगी।"

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5 एजेंसियों को भी जोड़ा जाएगा

प्रदेश के एसएसपी धर्मवीर सिंह यादव ने बताया कि न्यायप्रणाली में शामिल पांच प्रमुख एजेंसियां - कोर्ट, पुलिस, प्रॉसिक्यूशन, जेल और अस्पताल - को भी इस पोर्टल के जरिए जोड़ा जाएगा।

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दस्तावेज और जरूरी जानकारियां 

इससे संबंधित सभी दस्तावेज और जरूरी जानकारियां समय पर आपस में साझा की जा सकेंगी। इस पहल से न्याय प्रक्रिया में पारदर्शिता और त्वरित निर्णय लेने की संभावना बढ़ेगी। "अभी जो एप्लीकेशन चल रही है, उसमें सभी लोग ऑन बोर्ड हैं, लेकिन उपयोग में जो दिक्कतें आ रही हैं, उन्हें दूर करने के लिए बैठकें हो रही हैं।"

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