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JABALPUR. मध्यप्रदेश के प्रतिष्ठित विक्रम अवॉर्ड-2023 पर अब हाईकोर्ट की अंतरिम रोक लग गई है। जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने साहसिक खेलों के अवॉर्ड समारोह पर अगली सुनवाई तक रोक लगाने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक यह पुरस्कार किसी को भी न दिया जाए। कोर्ट ने इस मामले में दूसरी दावेदार पर्वतारोही भावना डेहरिया को नोटिस जारी किया है। साथ ही सात दिन में जवाब देने को कहा है। अगली सुनवाई 5 जनवरी 2026 को तय की गई है।
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एवरेस्ट विजेता भावना डेहरिया को विक्रम अवॉर्ड मिलेगा, हाईकोर्ट ने स्टे हटाया
पहले एवरेस्ट पहुंची थी मैं: मेघा परमार
यह याचिका एवरेस्ट विजेता मेघा परमार ने दायर की है। उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा और अधिवक्ता अतुल जैन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पक्ष प्रस्तुत किया।
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क्या कहा गया है याचिका
मेघा परमार ने 22 मई 2019 को सुबह 5 बजे माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया। भावना डेहरिया उसी दिन 9:45 बजे शिखर पर पहुंचीं। दोनों के बीच करीब 5 घंटे का अंतर रहा। इसलिए मेघा भी नियमों के अनुसार समान रूप से विक्रम अवॉर्ड की दावेदार हैं। वकीलों ने तर्क दिया कि 2022 में दो पर्वतारोहियों को सिर्फ एक घंटे के अंतर पर पुरस्कार दिया गया था। इसलिए इस बार भी समान मानदंड लागू किए जा सकते हैं।
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अगली सुनवाई तक अवॉर्ड समारोह न हो: कोर्ट
जस्टिस विशाल मिश्रा ने याचिकाकर्ता का आवेदन स्वीकार किया। साथ ही नए पक्षकार के रूप में शामिल की गई भावना डेहरिया को नोटिस जारी किया है। राज्य को जवाब दाखिल करने दो सप्ताह का समय दिया गया है। आदेश में सबसे महत्वपूर्ण है कि विक्रम अवॉर्ड-2023 का समारोह अगली तारीख तक न किया जाए। इस प्रकार अब यह पुरस्कार अगले आदेश तक स्थगित माना जाएगा।
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भावना को मिली थी इंदौर हाईकोर्ट से राहत
भावना डेहरिया को पहले इंदौर हाईकोर्ट से राहत मिली थी। वहां उनके चयन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की गई थी। राज्य सरकार का निर्णय सही माना गया था। लेकिन अब जबलपुर हाईकोर्ट के नए आदेश से विक्रम अवॉर्ड-2023 पर अगले आदेश तक रोक लग गई है।
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