BHOPAL. जमीनी विवाद और उनको लेकर सामने आने वाले पेंचों से आमजन को जल्द निजात मिलने वाली है। मध्यप्रदेश सरकार ने इसके लिए भू-अभिलेख और राजस्व विभाग के मर्जर की तैयारी कर ली है। पूरे प्रदेश में आने वाले दिनों में इसका असर नजर आएगा और अब तक राजस्व न्यायालयों में सालों_साल तक अटके मामले जल्द सुलझ पाएंगे। वहीं सिंगल विंडो सिस्टम लागू होने से नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, नक्शे-खसरे जैसी सेवाएं एक ही जगह मिलने से राजस्व और भू अभिलेख कार्यालयों के चक्कर काटने की परेशानी भी दूर हो जाएगी।
जुड़ेंगे राजस्व-भू अभिलेख कार्यालय
मध्यप्रदेश सरकार विभागीय कामकाज से आमजन को होने वाली दिक्कतों को दूर करने की कोशिश कर रही है। इसके लिए एक के बाद एक नए प्रयोग जारी हैं। इन्हीं प्रयोगों की श्रृंखला में अब सरकार भू अभिलेख और राजस्व कार्यालयों का आपस में विलय करने जा रही है। अब राजस्व, नजूल और भू अभिलेख कार्यालय आपस में जुड़ जाएंगे। इन कार्यालयों में जमीनों से संबंधित सभी काम संपादित होंगे। जहां तहसीलदार, नायब तहसीलदार, भू अभिलेख अधिकारी साथ-साथ काम करेंगे। इससे लोगों के जमीनों से जुड़े दस्तावेज, कार्रवाई और विवादों की सुनवाई में सहूलियत होगी।
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प्रकरणों के निराकरण में आएगी तेजी
सरकार के इस नवाचार के तहत राजधानी भोपाल में भू-अभिलेख कार्यालय और राजस्व विभाग के मर्जर की तैयारी कर ली गई है। इसके तहत अब भोपाल से संबंधित राजस्व के 12,415 प्रकरणों का जल्द निराकरण होगा। भोपाल जिले के नजूल कार्यालयों में 16 नए नायब तहसीलदार पदस्थ होंगे जबकि पूरे वृत में 32 नायब तहसीलदार और तहसीलदारों के हाथ में राजस्व प्रकरणों की कार्रवाई की जिम्मेदारी होगी। ये अधिकारी आपसी सामंजस्य से आमजन से जुड़े नामांतरण, बंटवारा, बंटान, नक्शा, सीमांकन के अलावा खसरा-खतौनी जैसे जमीनी दस्तावेजों तैयार करेंगे। ये सभी सेवाएं आमजन को सिंगल विंडो के जरिए एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी। इससे राजस्व रिकॉर्ड की बंदोबस्ती का काम भी तेज होगा जिससे लोगों की समस्याएं भी कम होंगी।
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नजूलवार लंबित मामलों की स्थिति
नजूल वृत प्रकरणों की संख्या
एमपी नगर 512
कोलार 3005
गोविंदपुरा 1249
टीटी नगर 274
बैरसिया 1189
बैरागढ़ 790
सिटी वृत्त 105
हुजूर 5291
कुल 12415