/sootr/media/media_files/2025/06/06/LeFIFPjtxbNTJxGv7rpl.jpg)
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने बकरीद (ईद-उल-अज़हा) के अवसर पर मुस्लिम समुदाय से संयम और शांति के साथ त्योहार मनाने की अपील की है। एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि बकरीद भाईचारे और शांति का प्रतीक है, जो बुराई को खत्म करने के लिए कुर्बानी की परंपरा को दर्शाता है।
उन्होंने समुदाय से अनुरोध किया कि कुर्बानी की तस्वीरें या वीडियो सोशल मीडिया पर साझा न करें, ताकि किसी को असुविधा न हो। कुर्बानी घर के अंदर, चारों ओर से ढकी हुई जगह पर करें और खून को नालियों में बहने से रोकें। इसके लिए खून को गड्ढे में दबाने की सलाह दी गई। उन्होंने यह भी कहा कि पड़ोसियों को कोई परेशानी न हो और शासन-प्रशासन के नियमों का पालन किया जाए।
ये खबर भी पढ़ें... 155 हिंदू छात्रों से ईद पर पढ़वाई नमाज... NSS कोआर्डिनेटर को हटाया
बकरीद्र त्याग और भाईचारे का पर्व
ये खबर भी पढ़ें... 'सुशासन तिहार' में शराब दुकान से दुल्हन तक, जनता की पुकार ने चौंकाया
बकरीद का त्योहार हजरत इब्राहिम की अल्लाह के निष्ठा का प्रतीक है। इस साल बकरीद 7 जून को मनाया जाएगा। डॉ. सलीम ने बताया कि कुर्बानी की शुरुआत हजरत इब्राहिम के एक सपने से हुई, जिसमें उन्होंने अपने बेटे की कुर्बानी देने का फैसला किया। उनकी आस्था को देखकर अल्लाह ने बेटे की जगह एक जानवर की कुर्बानी का आदेश दिया। इस दिन मुस्लिम समुदाय ईदगाह में सामूहिक नमाज अदा करता है और घरों को सजाता है।
ये खबर भी पढ़ें... सुशासन पर्व में विराट कोहली से मिलने की अनोखी मांग
कुर्बानी का मांस तीन हिस्सों बांटने की व्यवस्था
कुर्बानी का मांस तीन हिस्सों में बांटा जाता है: एक हिस्सा गरीबों, एक रिश्तेदारों और एक परिवार के लिए। यह परंपरा समानता और भाईचारे का संदेश देती है। कमरुद्दीन गद्दी ने बताया कि बकरीद कुर्बानी त्याग, समर्पण और अल्लाह के प्रति सच्ची श्रद्धा का प्रतीक है। कई लोग इस अवसर पर बकरों की देखभाल और सजावट में विशेष ध्यान देते हैं, उन्हें दोस्त की तरह प्यार करते हैं। वक्फ बोर्ड ने अपील की है कि त्योहार को इस तरह मनाएं कि समाज में शांति और सौहार्द बना रहे।
बकरीद पर संयम बरतें | खून नालियों में न बहाएं | do not post pictures on social media | Dr. Salim Raj | Chairman of Chhattisgarh Waqf Board