Live सुसाइड करने वालों को बचाएगी MP पुलिस, Meta के साथ एक्सन प्लान तैयार

मध्य प्रदेश में मेटा के साथ पुलिस ने करार कर लिया है। अब सोशल मीडिया पर सुसाइड की पोस्ट या लाइव वीडियो के आधार पर जान बचाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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Amresh Kushwaha
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मध्य प्रदेश पुलिस ने मेटा (Meta) के साथ एक अहम करार किया है। समझौते के तहत अब सुसाइड करने वाले लोगों की जान बचाई जाएगी। यदि कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर आत्महत्या से जुड़ा स्टेटस या लाइव वीडियो पोस्ट करता है, तो मेटा का सिस्टम तुरंत अलर्ट भेजेगा। साइबर पुलिस मुख्यालय इस अलर्ट को प्राप्त कर व्यक्ति की लोकेशन का पता लगाएगा। फिर समय रहते पुलिस को घटनास्थल पर भेजा जाएगा। इससे संभावित आत्महत्या की घटना को रोका जा सकता है।

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आत्महत्या के मामलों में आएगी कमी

मध्य प्रदेश पुलिस के अनुसार, इस करार से आत्महत्या के मामलों में महत्वपूर्ण कमी आने की संभावना है। इससे उन लोगों को बचाया जा सकता है, जो मानसिक तनाव या संकट में हैं और सोशल मीडिया के जरिए अपनी स्थिति का इजहार करते हैं। खासकर युवाओं और डिजिटल प्लेटफॉर्म का सक्रिय इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए यह एक जरूरी कदम है।

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जानें कैसे काम करेगा मेटा

मेटा का सिस्टम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक (Facebook) और इंस्टाग्राम (Instagram) पर पोस्ट की गई आत्महत्या से जुड़ी सामग्री पर त्वरित प्रतिक्रिया करता है। यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या करने के इरादे से लाइव वीडियो पोस्ट करता है या कोई सुसाइड नोट डाले तो मेटा का सिस्टम तुरंत साइबर पुलिस को अलर्ट करता है। इसके बाद साइबर पुलिस के जरिए संबंधित क्षेत्र की लोकेशन पता की जाती है। फिर स्थानीय पुलिस को घटनास्थल पर भेजा जाता है।

यू-ट्यूबर की लाइव सुसाइड की कोशिश

3 जून को एक यू-ट्यूबर ने इंस्टाग्राम पर लाइव वीडियो के माध्यम से यह घोषणा की कि वह आत्महत्या करने जा रहा है। मेटा के सिस्टम ने इस वीडियो को पहचानते हुए साइबर पुलिस को अलर्ट भेजा। जांच में पता चला कि यह व्यक्ति सरगुजा, छत्तीसगढ़ का निवासी था। पुलिस ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर उसे बचाया। उस व्यक्ति ने बताया कि वह उधारी के कारण आत्महत्या करने जा रहा था। यह उदाहरण दर्शाता है कि कैसे मेटा का सिस्टम और पुलिस का संयुक्त प्रयास आत्महत्या को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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मेटा से करार के फायदे

इस पहल के अंतर्गत कई फायदे हो सकते हैं:

  • समय पर प्रतिक्रिया: अगर कोई व्यक्ति आत्महत्या करने का इरादा दिखाता है, तो मेटा के सिस्टम के जरिए त्वरित प्रतिक्रिया संभव होगी।

  • लोकेशन ट्रैकिंग: मेटा के माध्यम से साइबर पुलिस को व्यक्ति की लोकेशन का तत्काल पता चल जाएगा। इससे पुलिस समय रहते घटनास्थल तक पहुंच सकेगी।

  • समाज में जागरूकता: यह पहल समाज को मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या रोकथाम के बारे में जागरूक करने में मदद कर सकती है।

सुसाइड का लाइव प्रसारण

मार्च महीने में रीवा जिले के सिरमौर में एक युवक शिवप्रकाश त्रिपाठी ने इंस्टाग्राम पर लाइव होकर फांसी लगाकर आत्महत्या की। यह घटना सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर चिंता का विषय बन गई। इस वीडियो को देख रही पत्नी ने 44 मिनट तक किसी को इसकी जानकारी नहीं दी। इसके कारण पुलिस ने पत्नी और मां को गिरफ्तार किया। यह घटना इस बात को दर्शाती है कि सोशल मीडिया पर लाइव होने से संकट और भी बढ़ सकते हैं।

मेटा की पहल से कैसे मिलेगी मदद?

मेटा के जरिए यह सिस्टम आत्महत्या की घटनाओं को रोकने में कारगर साबित हो सकता है। यह सिर्फ एक डिजिटल टेक्नोलॉजी की मदद नहीं, बल्कि एक सामाजिक पहल भी है। साथ ही, यह लोगों की जान बचाने के लिए काम करती है। अब इस प्रणाली के जरिए पुलिस को सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई खतरनाक जानकारी के बारे में तुरंत सूचित किया जाएगा।

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