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MP News: इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज का डीन कार्यालय शुक्रवार को कुश्ती का अखाड़ा बन गया। इसमें फार्मासिस्ट राकेश गोरखे ने डीन के पीए भावेश उपाध्याय को बेल्ट से बेरहमी से पीट दिया। दोनों के बीच हुई हाथापाई का शोर सुनकर कर्मचारी डीन चेंबर की तरफ दौड़ पड़े और दोनों को अलग किया। बताया गया कि बेल्ट की मार से भावेश का सिर फट गया जिसके कारण उसके सिर पर तीन से चार टांके भी आए हैं। जिस समय यह घटना हुई उस दौरान डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया अपने कक्ष में नहीं थे।
बात सिर्फ इतनी सी थी
एमजीएम मेडिकल कॉलेज (MGM Medical College) के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया चेंबर के पास ही स्टेनो चेंबर बना हुआ है। इसमें दोपहर के समय डीन का पीए भावेश उपाध्याय काम कर रहा था। सूत्रों के मुताबिक, तब ही फार्मासिस्ट राकेश गोरखे आया और उपाध्याय से किसी को ई-मेल करने के लिए कहा। चूंकि ई-मेल डीन के आईडी से किया जाना था इसलिए उपाध्याय ने कहा कि इसके लिए पहले डीन से अनुमति ले लो। बस इतनी सी बात पर गोरखे भड़क गया और उपाध्याय को अपशब्द करने लगा।
पहले हाथापाई हुई फिर गोरखे ने सिर फोड़ दिया
मेडिकल कॉलेज से जुड़े सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्षों के बीच शुरू हुआ विवाद हाथापाई में बदल गया। इसमें गोरखे ने अपना बेल्ट निकाला और फिर उपाध्याय को बेल्ट बरसाने शुरू कर दिए। बेल्ट की मार से उपाध्याय का सिर फट गया और गंभीर घाव हो गया।
शोर सुनकर दौड़े कर्मचारी
बताया गया कि मारपीट का शोर सुनकर जब कर्मचारी डीन के स्टेनो चेंबर की तरफ दौड़े तो उन्होंने देखा कि गोरखे बेल्ट से उपाध्याय को पीट रहा था। मेडिकल कॉलेज के अन्य कर्मचारियों ने उपाध्याय को छुड़ाया और उसे बाहर लेकर आए।
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एफआईआर नहीं करने का बना रहे दबाव
घटना के बाद उपाध्याय को मेडिकल के लिए एमवायएच ले जाया गया। सूत्रों के मुताबिक संयोगितागंज पुलिस ने उपाध्यय की एमएलसी के दौरान जो सीएमओ थे उन्हें और जांच अधिकारी को मेडिकल कॉलेज तलब कर लिया। बताया जा रहा है कि कॉलेज प्रबन्धन द्वारा उपाध्याय पर रिपोर्ट नही करने के लिए दबाव बना रहा है। क्योंकि मेडिकल के बाद डीन चेंबर में डॉ. अरविंद घनघोरिया और दोनों पक्षों के बीच काफी लंबी चर्चा चली। इस संबंध में बात करने के लिए जब डीन डाॅ. घनघोरिया और राकेश गोरखे को कॉल किया गया तो दोनों ने ही फोन नहीं उठाया।
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गोरखे की पोस्टिंग नर्सिंग में, लेकिन दिखता एमजीएम में
एमजीएम डीन डॉ. घनघोरिया ने 3 मार्च 2025 को आदेश जारी कर फार्मासिस्ट राकेश गोरखे को नर्सिंग कॉलेज में पदस्थ कर दिया था, लेकिन बताते हैं कि यह वहां पर जाता ही नहीं था। सूत्रों के मुताबिक वह एवजी बनकर कॉलेज में काम करता है। डीन द्वारा कई बार उसे मेडिकल कॉलेज में नहीं आने की हिदायत भी दी चुका है।
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पहले भी विवादों में रहा है गोरखे
फार्मासिस्ट राकेश गोरखे इसके पूर्व में भी कई बार विवादों में रह चुका है। इसे पूर्व डीन डॉ. संजय दीक्षित का करीबी माना जाता है। असल में जब पूर्व डीन दीक्षित पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे तब गोरखे का नाम भी सामने आया था। वहीं, जब डॉ. दीक्षित बंगला खाली करके गए थे तो अपने साथ सरकारी सामान भी ले गए थे। बताते हैं कि उस दौरान भी गोरखे ने ही मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से ही यह महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई थी।
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