खनिज कारोबारी गोयनका पर अब मंत्री राकेश शुक्ला मेहरबान, सीएम को लिखा सिफारिशी पत्र

मध्य प्रदेश खनिज संपदा से समृद्ध है। इसके दोहन को लेकर सरकारी नीतियां हैं, लेकिन इसके इतर अवैध कारोबार भी राजनेताओं,ब्यूरोक्रेसी व कारो​बारियों के गठजोड़ से खूब फल-फूल रहा है।

author-image
Ravi Awasthi
New Update
minister-rakesh-shukla

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व वन मंत्री नागर सिंह चौहान के बाद अब एक और मंत्री राकेश शुक्ला ने खनिज कारोबारी आनंद गोयनका की बंद खदान को खुलवाने में रुचि दिखाई है। शुक्ला ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर गोयनका  को उनका अधिकार दिए जाने की बात कही। 

खास बात यह कि शुक्ला नवीन एवं नवकरणीय उर्जा विभाग के मंत्री है। इस विभाग का खनिज या इससे जुड़े दीगर मामलों से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं। खनिज कारोबारी उनके निर्वाचन क्षेत्र से भी नहीं आते हैं। बावजूद इसके मंत्री शुक्ला की कटनी जिले की इस बंद खदान को खुलवाने में रुचि दिखाना हैरत पैदा करने वाला है।

यह भी पढ़ें.. Nagar Singh Chouhan वन मंत्री बनने के सवाल पर पहली बार बोले | क्या मिलेगा वापस पद ?

हाईकोर्ट से रोक, सुप्रीम कोर्ट में मामला, फिर भी पैरवी

कटनी जिले के ग्राम झिन्ना व हरैया की यह वही बहुचर्चित विवादित खदानें हैं। जहां हाईकोर्ट जबलपुर ने बीते माह ही स्थगनादेश जारी कर उत्खनन पर रोक लगाई। खदानों के लिए राज्य शासन की ओर दिए गए पट्टे की वैधानिकता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका विचाराधीन है।

वहीं खनिज उत्खनन से वन क्षेत्र में पड़ने वाले पर्यावरणीय प्रभाव को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी भी सुनवाई कर रहा है। एनजीटी में इसी मामले की अगली सुनवाई आगामी 26 अगस्त को होनी है। 

यह भी पढ़ें..  🔴 Sootrdhar Live | @INCMP के पूर्व विधायक ने फर्जी मंजूरी से लीज पर ले ली 30 एकड़ Forest Land !

पहले भी 'नप' चुके हैं मंत्री, अफसर

खास बात यह कि इसी प्रकरण में वन विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया ने विभाग की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका वापस लेने एक आदेश जारी किया था। बाद में खुलासा हुआ कि यह विभागीय मंत्री नागर सिंह चौहान की सिफारिश पर किया गया।

इसके बाद नागर से वन विभाग का दायित्व छीन लिया गया और कंसोटिया को भी वन से हटाकर गृह विभाग में पदस्थ किया गया। कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए पूर्व विधायक राम​ निवास रावत को नया वन मंत्री बनाया गया, लेकिन उपचुनाव हारने से उन्हें भी यह पद छोड़ना पड़ा। वहीं, नागर सिंह चौहान अब सिर्फ अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के मंत्री हैं। 

यह भी पढ़ें.. कागजों पर करोड़ों की जमीन : आदिवासियों के नाम पर खनिज माफिया कर रहा मनी लॉन्ड्रिंग, कहां है ED-CBI?

जमीन को लेकर दो विभाग आमने-सामने

खनिज कारोबारी आनंद गोयनका की फर्म्स मेसर्स सुखदेव प्रसाद गोयनका को 90 के दशक में कटनी में आयरन ओर व अन्य खनिजों के खनन की अनुमति दी गई। इसके ​लिए फर्म्स को ग्राम हर्रई में करीब 231 हेक्टेयर व झिनना में भी लगभग इतनी ही भूमि आवंटित की गई। बताया जाता है कि हर्रई में खदान वाले क्षेत्र की 90 फीसदी से ​अधिक जमीन वनक्षेत्र की है।

जमीन के स्वामित्व को लेकर वन व राजस्व विभाग के अपने-अपने दावे हैं। प्रकरण में वन विभाग अदालती लड़ाई भी लड़ रहा है। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका इसी विभाग की ओर से दायर की गई। जिसे वापस लेने बार-बार बैकडोर से जतन किए जाते रहे हैं । इस बार जाने-अनजाने मंत्री राकेश शुक्ला मोहरा बन गए। 

यह भी पढ़ें.. NEWS STRIKE: दिल्ली से खाली हाथ लौटे नागर सिंह चौहान की मुस्कान में छुपे कितने राज ? सियासी ड्रामे की पूरी टाइमलाइन

...और मंत्री जी ने साधी चुप्पी

इस बारे में मंत्री राकेश शुक्ला का पक्ष जानने उनसे टेलिफोनिक संपर्क किया। व्हाटसएप पर मांग अनुसार उन्हें पत्र की प्रति भी भेजी गई। पत्र की पुष्टि करने का लिखित अनुरोध भी किया गया, लेकिन मंत्री जी चुप्पी साध गए। 

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃

🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला | श्योपुर प्रभारी मंत्री राकेश शुक्ला | CM डॉ. मोहन यादव

आनंद गोयनका CM डॉ. मोहन यादव मोहन यादव खदान श्योपुर प्रभारी मंत्री राकेश शुक्ला ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला मध्य प्रदेश