मंत्री कैलाश विजयवर्गीय बोले- शिवाजी महाराज नहीं होते तो मैं होता कलीमुद्दीन

मध्यप्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने शिवाजी महाराज के अद्वितीय योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका साहस और संघर्ष ही था, जिसके कारण भारत के कई हिस्सों में मुगलों की दखलंदाजी रुक पाई... 

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Minister Kailash Vijayvargiya said Photograph: (thesootr)

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विश्वनाथ सिंह, INDORE. प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर मंच से आमजन को संबोधित करते हुए एक बयान दिया। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज के कारण ही मालवा और उसके आसपास के क्षेत्रों में मुगलों का प्रवेश नहीं हो सका था। अगर शिवाजी महाराज नहीं होते, तो हिंदू धर्म जीवित नहीं होता और आज उनका नाम कैलाश की जगह कलीमुद्दीन होता। 

शिवाजी के आदर्शों को रखें जीवित

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने शिवाजी महाराज के अद्वितीय योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका साहस और संघर्ष ही था, जिसके कारण भारत के कई हिस्सों में मुगलों की दखलंदाजी रुक पाई। विजयवर्गीय ने शिवाजी महाराज की वीरता और उनके योगदान को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया, और उनके आदर्शों को जीवित रखने की अपील की। उन्होंने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए फौज खड़ी की थी। मुट्‌ठीभर लोगों की फौज ने लाखों मुगलों की सेना को धराशाई कर दिया था।

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शिवाजी के नहीं रहने पर ही घुस पाए थे अंग्रेज

कैलाश ने कहा कि मैं ऐसे एक नहीं 10 किस्से बता सकता हूं। उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा करते हुए मुगलों को खदेड़ दिया था। मुगल हर जगह पहुंच गए, लेकिन यहां पर नहीं आ पाए क्योंकि बाजीराव पेशवा की फौज ने यह मोर्चा संभाला था। शिवाजी महाराज नहीं रहे तब ही इस क्षेत्र में अंग्रेज घुस पाए थे। अन्यथा यहां पर अंग्रेज घुस ही नहीं पाए थे। 

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पूर्व में भी दे चुके हैं कई विवादित बयान

गौरतलब है कि इसके पूर्व में भी इंदाैर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में भी कैलाश विजयवर्गीय ने शिवराज सरकार पर चुटकी लेते हुए कहा था कि इसके पूर्व में भी जो समिट हुई हैं वे सिर्फ इवेंट ही बनकर रह गई हैं। वहीं, सीएम मोहन यादव ने भी मौलाना गांव के नाम पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि इस नाम का कोई स्पष्ट संदर्भ समझ में नहीं आता और यह लिखते समय पेन अटकता था। इसलिए उसका नाम बदलकर विक्रम नगर कर दिया है।

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