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Indore. नई आबकारी (शराब) नीति के बाद मप्र के सबसे चर्चित चार जिले इंदौर, धार, झाबुआ और अलीराजपुर के ठेकों को लेकर हलचल तेज हो गई है। इन जिलों में हर आबकारी नीति और ठेके प्रक्रिया के साथ नए सिंडीकेट बनने लगते हैं। अब यहां के चर्चित ठेकेदार 20 फीसदी इजाफे वाली नीति से उलझे हुए हैं और बीते अनुभव के चलते भी यह गठबंधन टूटने जा रहा है और इसमें अब नए समीकरण बन रहे हैं।
अभी इन जिलों में इस तरह है शराब ठेकेदार
धार- धार जिला चालू वित्तीय साल में पुराने ठेकेदारों एके सिंह व गुट को पटखनी देते हुए इंदौर के सूरज रजक ने 300 करोड़ में उठा लिया था। पूरा जिला उनके नए गठबंधन जिसमें रमेश राय, नन्हे सिंह, लल्ला शिवहरे साथ थे, सब न मिलकर लिया था।
झाबुआ- गुजरात से लगे इस जिले का पूरा ठेका गुरुकृपा बायोफ्यूल ने 225 करोड़ में लिया था। जो कागजों पर जो नीरज कुमार, संदीप जुनेजा, ओम पुरोहित का है लेकिन असल में यह एके सिंह, पिंटू भाटिया, अल्केश बाकलिया का है। बाकलिया गुजरात में अवैध शराब लाइन डिस्ट्रीब्यूशन का माहिर खिलाड़ी है जिस पर गुजरात में कई केस है।
अलीराजपुर- इस जिले में गुरु सिंह सभा के पूर्व प्रधान रिंकू उर्फ मनजीत सिंह भाटिया सक्रिय है और खालसा एंड कंपनी ने पूरा ठेका 100 करोड़ में उठा लिया था। लेकिन असल में उन्होंने यह ठेका लिया जरूर लेकिन इसमें एक अन्य शराब ठेकेदार और उनके रिश्तेदार आबकारी अधिकारी को पर्दे के पीछे पेटी कांट्रेक्ट कर दिया गया और वह मुनाफा लेकर पीछे हो गए।
इंदौर- यहां रमेश राय, सूरज रजक, मेघा इंटरप्राइजेस, ठाकुर, मां बगलामुखी, मृत्युंजय ग्रुप सहित कई सारे गुट है, जो अपने हिसाब से जोनवार दुकान ले रहे हैं, अभी इसे किसी ने एक साथ नहीं उठाया है। कुछ समय पहले ठेकेदारों का सिंडीकैट बना था और उन्होंने दो गुटों में पूरे जिले को उठाया था लेकिन उसमें दरार आ गई और सभी ने फिर अलग-अलग दुकान से उठाना शुरू की। अब इस बार नए समीकरण हो रहे हैं।
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अब नए समीकरण इस तरह से जमा रहे ठेकेदार
नई आबकारी नीति में 80 फीसदी दुकान यदि 20 फीसदी पर रिन्यू ऑफर दिया जाता है तो संबंधित ठेकेदार को यह लाइसेंस दिया जाएगा। लेकिन इतनी बड़ी राशि, साथ ही लो अल्कोहल बार पालिसी इन सभी के चलते इस बार ठेकेदारों को ठेके लेना जोखिम भरा काम लग रहा है। उधर अब ठेकेदारों का गुट भी टूट रहा है और सत्ता परिवर्तन के बाद नए मजबूत हुए खिलाड़ियों के साथ कुछ ठेकेदार जुड़ने जा रहे हैं। इससे नए सिरे से ठेकों में खेल हो रहा है।
धार जिला- यहां पर रजक का गुट टूट रहा है और वह रमेश राय, लल्ला, नन्हे इन सभी से अलग होने की तैयारी कर रहे हैं। धार से संभव है कि वह दूरी बनाएं और यहां पर राय, लल्ला अपने स्तर पर ठेके ले और यहां पिंटू, एके भी इंट्री की कोशिश में हैं, जो बीते साल पटखनी खा चुके हैं।
अलीराजपुर- इस जिले पर सभी की नजरें हैं लेकिन 20 फीसदी अधिक राशि पर यह ठेके लेने का जोखिम वही उठा सकेगा जो गुजरात लाइन पर कंट्रोल रखने की ताकत रखता हो, वैसे भी यह जिला इतनी शराब खपत का है ही नहीं, गुजरात लाइन के चलते ताकत मिलती है। ऐसे में जिसकी सेटिंग मजबूत होगी वह इसमें कदम रखेगा।
झाबुआ- इस जिले का भी यही हाल है, इसकी 225 करोड़ की शराब खपत क्षमता ही नहीं है और 20 फीसदी अधिक में यह ठेके लेने में वहीं आगे आएगा जो गुजरात लाइन पर कंट्रोल करेगा। ऐसे में यहां एके सिंह, भाटिया जैसे गुट की मौजूदगी बने रहने के आसार दिख रहे हैं।
इंदौर- इस जिले से अब सरकार को 1800 करोड़ का राजस्व चाहिए, जो इतना देगा जिला उसे मिलेगा। यह कूबत फिलहाल दो-चार शराब ठेकेदारों में तो नहीं है। ऐसे में अब यहां पर नए सिरे से गठबंधन बनने जा रहा है और कोशिश तो अंदरूनी स्तर पर यह भी हो रही है कि फिर से नए सिरे से सिंडीकेट बनाया जाए और कुछ-कुछ ग्रुप आपस में 20 फीसदी अधिक देकर ले लिया जाए। यह 20 फीसदी राशि तभी वसूल हो सकेगी, जब ठेकेदार मिलकर दुकान लेंगे, तभी प्राइस वार नहीं होगी, ठेकेदारों को लग रहा है कि ऐसा होने पर ही वह अपना दुकान बचा सकेंगे। कुल मिलाकर नए सिरे से यहां शराब ठेकेदार आपस में गठबंधन करने जा रहे हैं और उसी हिसाब से यह ठेके उठेंगे।
क्या बोल रहे आबकारी आयुक्त
नई शराब नीति पूरी पारदर्शी तरीके से बनी है और शासन ने इसे जारी किया है। जो नियम है सभी पर लागू है, कुछ भी छिपा हुआ नहीं है। बार लाइसेंस से कारोबार प्रभावित होने और ठेकेदारों को 20 फीसदी अधिक राजस्व की बात अहितकारी लगने जैसी कोई बात नहीं है। शासन ने सब कुछ विचार करते हुए ही पॉलिसी जारी की है।
21 फरवरी तक करना है आवेदन
वर्ष 2025-26 हेतु घोषित आबकारी नीति के अनुसार इंदौर जिले में वर्तमान में संचालित 173 मदिरा दुकानों के 64 समूहों का निष्पादन पहले वर्तमान लाइसेंसियों से वर्ष 2024-25 के प्रचलित मूल्य में 20 प्रतिशत वृद्धि कर आवेदन आमंत्रित कर किया जाएगा। जिन समूहों पर नवीनीकरण आवेदन प्राप्त नहीं होंगे उन पर अन्य आवेदकों से लॉटरी आवेदन आमंत्रित कर उनका निष्पादन किया जाएगा। नवीनीकरण आवेदन 21 फरवरी 2025 तक प्राप्त किए जाएंगे । इसके पश्चात लॉटरी आवेदन 22 फरवरी 2025 से 27 फरवरी 2025 तक प्राप्त किए जाएंगे। नवीनीकरण आवेदन और लॉटरी आवेदन के माध्यम से निष्पादन 27 फरवरी 2025 को किया जाएगा।
इस तरह करना होगी प्रक्रिया
निष्पादन के प्रत्येक चरण नवीनीकरण, लॉटरी एवं ई-टेंडर/ई-टेंडर कम ऑक्शन में भाग लेने हेतु प्रत्येक व्यक्ति/फर्म/लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप/कंपनी/ कन्सोर्टियम आदि को ई-आबकारी पोर्टल पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। इसके लिए ई-आबकारी पोर्टल पर कोई भी व्यक्ति कांट्रेक्टर रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल का चयन कर निर्धारित जानकारी, आवश्यक दस्तावेज अपलोड कर तथा निर्धारित शुल्क का भुगतान कर पंजीयन करा सकते हैं। बिना पंजीयन के कोई भी आवेदन पत्र मान्य नहीं किया जाएगा निष्पादन के संबंध में आवश्यक जानकारी सहायक आबकारी आयुक्त कार्यालय से अवकाश के दिनों सहित कार्यालयीन समय में प्राप्त की जा सकती है।