MP में नई आबकारी नीति जारी, 19 धार्मिक जगहों पर इस दिन से लागू होंगे नए नियम

आबकारी विभाग ने शराब की बिक्री को अधिक पारदर्शी बनाने और काले धन की रोकथाम के लिए पाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों का उपयोग अनिवार्य कर दिया है। अब सभी शराब दुकानों को पीओएस मशीनों के माध्यम से बिक्री करनी होगी

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Sandeep Kumar
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मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के 19 पवित्र शहरों और गांवों में शराब की दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया है। यह कदम धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के स्थानों के आस-पास शराब की बिक्री को नियंत्रित करने और समाज में सुधार लाने के उद्देश्य से उठाया गया है। इन क्षेत्रों में प्रमुख धार्मिक स्थल और पर्यटक स्थल हैं, जहाँ श्रद्धालु आते हैं। शराब की बिक्री पर रोक लगाने से इन स्थानों की पवित्रता बनी रहेगी और सामाजिक व पर्यावरणीय सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

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शराब की कीमतों में होगा इजाफा

शराब की दुकानों को बंद करने से होने वाली आय की कमी को पूरा करने के लिए, राज्य सरकार ने अन्य जिलों में शराब की कीमतों में 25 प्रतिशत तक की वृद्धि करने का प्रस्ताव रखा है। यह कदम सरकार के लिए एक संतुलन बनाए रखने का तरीका है, ताकि राज्य को आवश्यक राजस्व मिलता रहे। हालांकि, यह वृद्धि शराब की बिक्री और उपभोग को सीमित करेगी और इससे आय की कमी को पूरी तरह से भरने में मदद मिलेगी।

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पीओएस मशीनों का अनिवार्य उपयोग

आबकारी विभाग ने शराब की बिक्री को अधिक पारदर्शी बनाने और काले धन की रोकथाम के लिए पाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों का उपयोग अनिवार्य कर दिया है। अब सभी शराब दुकानों को पीओएस मशीनों के माध्यम से बिक्री करनी होगी, जिससे हर बिक्री का रिकॉर्ड रखा जा सके। इससे न केवल बिक्री की प्रक्रिया पारदर्शी होगी, बल्कि सरकार के लिए भी इस पर नियंत्रण रखना आसान होगा।

रेस्तरां के लिए नई व्यवस्था

नई आबकारी नीति के तहत, रेस्तरां में शराब की बिक्री के लिए ओपन एरिया में फ्लोर एरिया बढ़ाने की अनुमति दी गई है। इसका उद्देश्य रेस्तरां संचालकों को अधिक स्थान का उपयोग करने की सुविधा देना है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सकती है। इसके अतिरिक्त, कमर्शियल आयोजनों के लिए भी लाइसेंस शुल्क को आयोजन स्थल के आकार और दर्शकों की संख्या के अनुसार निर्धारित किया जाएगा। इससे आयोजकों के लिए सुविधा होगी और राज्य के लिए अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न होगा।

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ई-बैंक गारंटी की अनिवार्यता

आबकारी विभाग ने शराब दुकानों के ठेकेदारों के लिए नए नियम लागू किए हैं। एक अप्रैल 2025 से, सभी शराब दुकानों के ठेकेदारों को ई-बैंक गारंटी देने की आवश्यकता होगी। यह गारंटी कम से कम 30 अप्रैल 2026 तक वैध रहेगी। ठेकेदारों से प्रमाणित दस्तावेज भी मांगे जाएंगे, जिससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ई-बैंक गारंटी का पहला हक सिर्फ उस ठेकेदार के पास होगा, जिसे शराब दुकान का ठेका मिला हो। यह गारंटी साइबर ट्रेजरी के माध्यम से जमा की जाएगी और केवल स्वीकार्य बैंकों से ही मान्य होगी।

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नई नीति का प्रभाव और उद्देश्य

मध्य प्रदेश सरकार की यह नई आबकारी नीति शराब की बिक्री और वितरण को नियंत्रित करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। पवित्र स्थानों पर शराब की दुकानों की बंदी, पीओएस मशीनों का अनिवार्य उपयोग, और ई-बैंक गारंटी जैसी व्यवस्थाएं राज्य के राजस्व में पारदर्शिता और सुधार लाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होंगी। इसके साथ ही, शराब की कीमतों में वृद्धि और कमर्शियल आयोजनों के लिए नई व्यवस्था सरकार के राजस्व को बढ़ाने में मदद करेगी, जबकि सामाजिक सुधार की दिशा में भी काम करेगी।

 

 



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