मध्य प्रदेश लघु वनोपज संघ के पैसों के गलत इस्तेमाल का मामला सामने आया है। यहां कार्यरत एक अधिकारी ने 2023 में अपने नाम पर किताबें छपवाई पर प्रकाशन का पूरा पैसा लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केंद्र ( Minor Forest Produce Processing and Research Center ) से वसूल लिया। यह सरकारी पैसा उन आदिवासियों के हक का था जिनके लिए संघ काम करता है।
साल 2023 में लघु वनोपज संघ कार्यालय के एक अधिकारी दिलीप कुमार ने 3 किताबें लिखकर छपवाई। IAS अफसर ने इस किताबों को अपने नाम से ही कॉपीराइट करवाया। किताबें निजी प्रकाशक से छपवाई गई लेकिन इसका पूरा भुगतान संघ ने किया। अब यह किताबें मार्केट में उपलब्ध हैं और इनकी कीमत 2 से 4 हजार रुपए तक है। इस मामले में अब सामने आया है कि अधिकारी द्वारा लघु वनोपज संघ से मंजूरी नई ली गई थी। प्रकाशन के लिए किया गया भुगतान भी संघ की मंजूरी के बिना हुआ था।
मुख्यमंत्री ने किया था विमोचन
IAS अधिकारी दिलीप कुमार द्वारा लिखी गई किताब का विमोचन 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ( Shivraj Singh Chouhan ) और तत्कालीन वन मंत्री विजय शाह द्वारा किया गया था। पूरे मामले का खुलासा शासन को मिली एक शिकायत से हुआ है। इस शिकायत में बताया गया कि शासन के पैसों से छपी किताब का कॉपीराइट IAS अफसर दिलीप कुमार के पास है।
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ये हैं 3 किताबें
हर्ब्स एंड ट्राइब ( Herbs and Tribe ) - 1699 रुपए
एंडेमिक स्पीशीस ऑफ इंडिया वॉल्यूम-I ( Endemic Species of India Volume - 1 ) - 3499 रुपए
एंडेमिक स्पीशीस ऑफ इंडिया वॉल्यूम-II ( Endemic Species of India Volume - 2 ) - 3499 रुपए
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