विधायक पन्नालाल शाक्य बोले- मैं अपनी पंचर वाली बात वापस लेता हूं, जाओ सब कलेक्टर बन जाओ

मध्यप्रदेश के गुना के विधायक पन्नालाल शाक्य ने कहा कि पंचर की दुकानें खोलने वाली बात वापस लेता हूं। जाओ सब कलेक्टर बन जाओ। कलेक्टर बन जाने देंगे क्या लोग हमको। ये बात उन्होंने स्थानीय लाल परेड ग्राउंड पर कही...

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Jitendra Shrivastava
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मध्यप्रदेश के गुना में शुक्रवार, 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के 25 साल पूरे होने पर बीजेपी ने लाल परेड ग्राउंड पर कार्यक्रम आयोजित किया था। कार्यक्रम में गुना विधायक पन्नालाल शाक्य सहित बीजेपी नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे। इस दौरान विधायक पन्नालाल शाक्य ने कहा कि पंचर की दुकानें खोलने वाली बात वापस लेता हूं। जाओ सब कलेक्टर बन जाओ। कलेक्टर बन जाने देंगे क्या लोग हमको? 

हमने तो एक लक्ष्य माना था कि चुनाव जरूर लड़ेंगे 

कारगिल विजय दिवस पर स्थानीय कार्यक्रम में गुना विधायक पन्नालाल शाक्य ने कहा कि अब आप स्पष्ट समझ लीजिए। एक-एक बात समझ लीजिए। मैंने पंचर का बोला तो भैया मैं अपनी बात को वापस लेता हूं, अब तुम सब कलेक्टर बन जाओ। तो कलेक्टर बन जाने देंगे क्या लोग हमको। मैं कह दूं कि तुम सब MLA बन जाओ, सांसद बन जाओ। अरे...इतना सहज है क्या। मुझे ही 1977 से जाकर 2013 में मौका मिला। तो ये सब सहज है क्या ? कल्पना करो। मैंने पंचर की दुकान की कही थी, तो इसका ये मतलब नहीं था कि लोग पंचर की दुकान करें। अपन तो तय करो ना कि अपना एक लक्ष्य है कि अपन उसको करते जाएं। हमने तो एक लक्ष्य माना था, कि चाहे कुछ हो जाए, हम एक बार चुनाव लड़ेंगे जरूर। इस जन्म में नहीं लड़ेंगे तो अगले जन्म में, अगले में नहीं तो उससे अगले में। सात जन्म में हम चुनाव लड़ने की कोशिश करेंगे और एक बार विधायक बनकर अपने आप को स्थापित करना चाहते हैं। तो परमात्मा ने हम को आशीर्वाद दिया। आप सब ने भी हमारा भरपूर सहयोग किया।

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'जा को बैरी चैन से सोवे, ता के जीवन को धिक्कार'

विधायक पन्नालाल शाक्य ने कहा कि 'जा को बैरी चैन से सोवे, ता के जीवन को धिक्कार'। अरे हजार साल से हममें जूते पड़ रहे हैं और हम बड़े आराम से सो रहे हैं। रही जीवन की बात, तो हम अपने जीवन में कोई एक लक्ष्य तय कर लें। मेरा आप सबसे निवेदन है कि युद्ध की कथाएं और चर्चाएं बहुत अच्छी लगती हैं, लेकिन युद्ध के मैदान में खड़े होना, युद्ध के मैदान में तलवार चलाना, तब मालूम पड़ता है कि युद्ध की कथाओं से क्या ले रहे हैं हम। वास्तविक जीवन में कुछ प्रयोगात्मक अगर हम कुछ करना चाहते हैं, तो अपने को इस देश को बचाना है। इस समाज को बचाना है, इस धरती को बचाना है। इस देश की प्रकृति को बचाना है, परंपराओं को बचाना है।"

प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के उद्घाटन में बोले थे...

विधायक पन्नालाल शाक्य ने रविवार, 14 जुलाई को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के उद्घाटन समारोह में कहा था कि इस महाविद्यालय को हम प्रधानमंत्री श्रेष्ठ महाविद्यालय के रूप में शुभारंभ कर रहे हैं। मेरा आप सबसे निवेदन है कि केवल एक बोध वाक्य पकड़ लेना। ये कॉलेज की डिग्री से कुछ होने वाला नहीं है। मोटरसाइकिल की पंचर की दुकान खोल लेना, जिससे कम से कम अपना जीवन यापन चलता रहे। कॉलेज की डिग्री लेने के बाद पेड़ लगाने का व्रत रखते हो तो हजारों पेड़ खुद लगाओ और खुद उनको सिंचित करो। हम यहां से पढ़कर निकल रहे हैं, पेड़ तो लगा दिया हमने, पानी डालने वाला कोई नहीं है उसमें। तो कैसे बढ़ेगा वो। मेरा आपसे निवेदन है, जरा लौटकर आओ भारतीय दर्शन की तरफ। हमारा सबका कल्याण हो जाएगा।

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