टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को रोजा नहीं रखने और भारत-ऑस्ट्रेलिया मैच के दौरान एनर्जी ड्रिंक पीने के मामले में बरेली के मौलाना की चेतावनी पर बवाल हो गया है। कई समर्थक शमी के साथ खड़े हो गए हैं। अब मप्र के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी शमी का समर्थन करते हुए मौलाना को राष्ट्रधर्म याद दिला दिया। साथ ही कहा कि हमारे लिए धर्म से बड़ा राष्ट्र है।
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मंत्री ने मौलाना को यह दिया जवाब
मंत्री ने कहा कि- मोहम्मद शमी द्वारा भारत-ऑस्ट्रेलिया मैच के दिन रोजा न रखने और मैच के दौरान ग्राउंड पर जूस/एनर्जी ड्रिंक पीने पर बरेली के मौलाना साहब का बयान निंदनीय है।
युद्धे च न तु धर्माणां न च धर्मेण युज्यते।
राजा च सेनापति च धर्मेण न युज्यते।
अर्थ: युद्ध के समय राजा और सेनापति को अपने कर्तव्यों का पालन करना प्राथमिकता होती है, और इस कारण से उन्हें धार्मिक नियमों से छूट मिलती है। जब बात राष्ट्र की आती है, तो मौलाना साहब को समझना चाहिए कि धार्मिक गतिविधियाँ गौण हो जाती हैं।हम भारतवासियों के लिए धर्म से बड़ा राष्ट्र है, यह बात आप नहीं समझेंगे।
यह बोले थे मौलाना
यूपी में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने बयान जारी करके कहा था कि इस्लाम ने रोजे को फर्ज करार दिया है। अगर कोई शख्स जानबूझकर रोजा नहीं रखता है तो वह निहायती गुनहगार है। मोहम्मद शमी ने रोजा नहीं रखा जबकि रोजा रखना उनका वाजिब फर्ज है। रोजा ना रखकर शमी ने बहुत बड़ा गुनाह किया है। शरीयत की नजर में वो मुजरिम हैं। रजवी ने यह भी कहा कि मोहम्मद शमी को हरगिज ऐसा नहीं करना चाहिए। मैं उनको हिदायत और नसीहत देता हूं कि इस्लाम के जो नियम हैं उनपर वो अमल करें। क्रिकेट, खेलकूद भी करें, सारे काम अंजाम दें, मगर अल्लाह ने जो जिम्मेदारी बंदे को दी है, उनको भी निभाएं। शमी को ये सब समझना चाहिए। वह अपने गुनाहों के लिए अल्लाह से माफी मांगें।
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