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नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला की जुगलबंदी अब एक और जगह पर आगे निकल गई है। रिकॉर्ड जीत, लगातार जीत जैसे कई मामलों में आगे होने के बाद ही हाल ही में मंत्री विजयवर्गीय की विधानसभा एक और मेंदोला की विधानसभा दो दोनों सबसे अधिक सदस्य बनाने में अव्वल आए थे। अब संगठन के इस काम में भी दोनों आगे निकल गए। वहीं संगठन में नगराध्यक्ष की कुर्सी संभालने के बाद सुमित मिश्रा भी पहले टेस्ट में पास हो गए।
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सबसे ज्यादा आजीवन सहयोग निधि यहीं से
आजीवन सहयोग निधि अभियान के इंदौर प्रभारी महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि इंदौर शहर में सबसे ज्यादा सहयोग निधि प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के निर्वाचन क्षेत्र विधानसभा क्षेत्र क्रमांक एक से प्राप्त हुई है। वहां से 58 लाख रुपए की राशि मिली है। विधायक रमेश मेंदोला की विधानसभा 2 से 28 लाख, विधायक गोलू शुक्ला की विधानसभा 3 से 40 लाख विधायक मालिनी गौड़ के क्षेत्र क्रमांक 4 से 30 लाख और विधायक महेंद्र हार्डिया के क्षेत्र क्रमांक 5 से 28 लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई है। इसके अलावा राऊ विधायक मधु वर्मा के विधानसभा क्षेत्र से 22 लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई है। हर वार्ड से भी 5 लाख की राशि एकत्र करने का लक्ष्य रखा गया था। इस लक्ष्य के अनुसार बहुत से वार्डों से भी यह राशि एकत्र हो गई है।
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पार्षदों के जमा हो गए पैसे
जब आजीवन सहयोग निधि का अभियान शुरू किया गया था, उस समय तय किया गया था कि बीजेपी का हर पार्षद अपना 5 महीने का मानदेय इस निधि में देगा। इस हिसाब से हर पार्षद द्वारा 51 हजार रुपए की राशि दे दी गई है। इसके साथ ही महापौर को अपना 6 माह का मानदेय देना था, जो कि 1.51 लाख रुपए होता है। महापौर द्वारा भी यह राशि दे दी गई है। निगम महापौर परिषद के हर सदस्य को 1.11 लाख रुपए की राशि आजीवन सहयोग निधि के रूप में देना है। महापौर परिषद में अभी 9 सदस्य हैं। इन सभी सदस्यों द्वारा भी यह राशि दे दी गई है।
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पहले टेस्ट में पास हुए नगराध्यक्ष
नगराध्यक्ष की कुर्सी पर आने के बाद सुमित मिश्रा के लिए यह पहला संगठनात्मक टेस्ट था। इसमें इंदौर के लिए तीन करोड़ की राशि जमा करने का लक्ष्य रखा गया था। हालांकि यह लक्ष्य बीते साल से कम था, बीते साल 6 करोड़ से अधिक राशि जमा हुई थी। लेकिन मिश्रा ने संगठन की मदद से यह लक्ष्य हासिल कर लिया। यह राशि एक सप्ताह में जुटाई गई है।
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