मोहन सरकार के अंतरिम बजट या लेखानुदान में आज क्या होगा खास, जानें...

मध्यप्रदेश की मोहन सरकार का अंतरिम बजट (लेखानुदान) 12  फरवरी को विधानसभा में पेश होगा। इसे वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा प्रस्तुत करेंगे। यह वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के लिए करीब 1 लाख करोड़ रुपए का होगा। इसमें सरकार कोई नई घोषणा नहीं कर रही है।

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BP shrivastava
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मध्यप्रदेश की मोहन सरकार का अंतरिम बजट (लेखानुदान) 12  फरवरी को विधानसभा में पेश होगा।

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BHOPAL. मध्यप्रदेश की मोहन सरकार का अंतरिम बजट (लेखानुदान) 12  फरवरी को विधानसभा में पेश होगा। इसे वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा प्रस्तुत करेंगे। यह वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के लिए करीब 1 लाख करोड़ रुपए का अंतरिम बजट होगा। यह अंतरिम बजट है, इसलिए सरकार कोई नई घोषणा नहीं कर रही है, फिर भी पीएम श्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस और सीएम हेली टूरिज्म स्कीम के लिए राशि का प्रावधान किया जा रहा है।

लोकसभा चुनाव से पहले दोनों योजनाएं शुरू होंगी

 ये दोनों योजनाएं लोकसभा चुनाव से पहले शुरू करने की तैयारी है। इसी तरह 23 जिलों में पीएम जनमन योजना शुरू करने के लिए भी राशि का प्रावधान अंतरिम बजट में किया जा रहा है।

मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि प्रदेश की मोहन सरकार के लेखानुदान का आधार केंद्र का अंतरिम बजट है। इसमें अधोसंरचना और औद्योगिक विकास, गरीब कल्याण, महिला सशक्तिकरण प्राथमिकता में रहेंगे। यानी इन चारों सेक्टर से जुड़ी केंद्र और राज्य की योजनाओं के लिए राशि उपलब्ध कराई जा रही है।

अंतरिम बजट में सड़क नेटवर्क को मजबूत करने के लिए एक्सप्रेस वे के निर्माण को गति देने, औद्योगिक केंद्रों के विकास, स्टार्टअप को प्रोत्साहन के लिए संशोधित नीति के अनुरूप अनुदान देने के लिए भी राशि का प्रावधान किया जा रहा है। बता दें कि मुख्य बजट लोकसभा चुनाव के बाद जुलाई में मानसून सत्र के दौरान पेश किया जाएगा।

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किस वर्ग के लिए क्या होगा अंतरिम बजट में ...

महिला: मुख्यमंत्री लाड़ली बहना आवास योजना

मप्र सरकार ने तय किया है कि लाड़ली बहनों को आवास उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए फर्स्ट फेज में शहरी क्षेत्र में 1 लाख आवास बनाने का फैसला लिया गया है। नगरीय विकास व आवास विभाग इसके नियम बना रहा है।
सरकार अगले चार महीने के लिए इस योजना को शुरू करने के लिए अंतरिम बजट में राशि रख रही है। अंतरिम बजट में महिला सशक्तिकरण के लिए लाड़ली बहना, महिला स्व-सहायता समूहों को सहायता, विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग की महिलाओं को पोषण आहार भत्ता देने की योजनाओं को निरंतर रखने के लिए राशि का प्रावधान किया जा रहा है।

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कर्मचारी : महंगाई भत्ते और राहत के लिए 56% के हिसाब से प्रावधान

सूत्रों के मुताबिक, मध्यप्रदेश में अभी कर्मचारियों को 42 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। केंद्र सरकार इसे बढ़ाकर 46 प्रतिशत कर चुकी है। प्रदेश सरकार भी इसे बढ़ाने की तैयारी में है। इसके लिए अंतरिम बजट में आगामी वित्तीय वर्ष में इसे 56 प्रतिशत की दर से करने के लिए राशि का प्रावधान किया जा रहा है।

कर्मचारियों के वेतन के लिए औसत 3% तथा संविदा कर्मचारियों (पारिश्रमिक) के 8% की वृद्धि के लिए बजट में राशि का प्रावधान किया जा रहा है। इसी तरह मजदूरी मद व कार्यालय व्यय (पेट्रोल-डीजल सहित अन्य खर्च) के लिए 5-5% और सुरक्षा, परिवहन व सफाई मद में 10% तक वृद्धि किए जाने की उम्मीद है।

युवा : स्टार्टअप को प्रोत्साहन के लिए अनुदान

स्टार्टअप को प्रोत्साहन के लिए संशोधित नीति के मुताबिक अनुदान देने के लिए भी राशि का प्रावधान किया जा रहा है। इसके अलावा स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार की पीएम मुद्रा लोन योजना के तहत राशि बढ़ाई गई है।

मध्यप्रदेश के 12 लाख 56 हजार से अधिक हितग्राहियों को 3578 करोड़ रुपए का लोन दिया जा चुका है। अब नए लक्ष्य के लिए मप्र को ज्यादा फायदा मिल सकता है। केंद्र से मिलने वाली इस राशि का प्रावधान भी अंतरिम बजट में किया जाएगा।

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आदिवासी : 23 जिलों में पीएम जनमन योजना के तहत आवास

डॉ. मोहन यादव सरकार केंद्र की प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत आदिवासियों को आवास उपलब्ध कराने के लिए अंतरिम बजट में राशि का प्रावधान कर रही है। इस योजना के तहत मप्र के 7 जनजाति समूहों को शामिल किया है। इससे 23 जिलों में बैगा, सहरिया एवं भारिया जनजाति के 11 लाख से अधिक हितग्राही लाभान्वित होंगे।

योजना के मुताबिक, प्रति मकान लागत 2.39 लाख रुपए है। योजना के तहत लाभार्थियों को 20% अनुदान और 30% ऋण मिलेगा, शेष 50% राशि का भुगतान सरकार करेगी। पीएम जनमन योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 नवंबर 2023 को की गई थी।

इसी तरह प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) के तहत प्रदेश के जनजातीय वाले ऐसे क्षेत्रों को सड़कों से जोड़ा जाएगा, जिनकी आबादी 100 से अधिक है। योजना के तहत दो किमी से लेकर 13 किमी तक की सड़क बनाई जाएगी। इसके लिए भी राज्य की हिस्सेदारी की राशि का प्रावधान अंतरिम बजट में किया जाएगा।

किसान: बिना ब्याज लोन के लिए अनुदान

किसानों को बिना ब्याज का अल्पावधि ऋण उपलब्ध कराने जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों को ब्याज अनुदान, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए राज्यांश, खाद-बीज अनुदान, सस्ती बिजली देने अनुदान का प्रावधान भी किया जा रहा है। इसके अलावा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के लिए भी राशि अंतरिम बजट में रखी गई है।

गरीब: संबल और मनरेगा के लिए राशि

गरीब कल्याण के लिए तेंदूपत्ता संग्राहकों के पारिश्रमिक में वृद्धि, प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण, मनरेगा, संबल योजना और अटल ज्योति योजना के अलावा नल से पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जल जीवन मिशन में राज्यांश की राशि का प्रावधान किया जा रहा है।
पीएमश्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के लिए 460 करोड़

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शपथ लेते ही अपनी पहली कैबिनेट बैठक में हर जिले में प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज खोलने का अहम फैसला लिया था। यह स्कीम चुनाव से पहले ही बन गई थी। तब यादव उच्च शिक्षा मंत्री थे लेकिन लाड़ली बहना योजना की वजह से इसे रोक दिया गया था। अब लोकसभा चुनाव से पहले इसे लॉन्च किया जा रहा है। इसके लिए अंतरिम बजट में 460 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जा रहा है।

नई शिक्षा नीति के तहत प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज में सभी प्रकार के कोर्स की पढ़ाई हो सकेगी। मध्यप्रदेश में सरकार कुल 570 सरकारी कॉलेजों में से हर जिले में एक कॉलेज को "पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस" के रूप में अपग्रेड करेगी।

मुख्यमंत्री हेली पर्यटन सेवा और एयर एंबुलेंस के लिए प्रावधान

सरकार मुख्यमंत्री हेली पर्यटन सेवा योजना के जरिए प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों के लिए पर्यटकों को हवाई यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इसी के तहत केदारनाथ धाम की तर्ज पर इंदौर से बाबा महाकाल एवं ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग, जबलपुर से चित्रकूट, ग्वालियर से ओरछा तथा पीतांबरा पीठ के लिए हेलिकॉप्टर सेवा शुरू करेगी। इसी के साथ सरकार मुख्यमंत्री एयर एम्बुलेंस सेवा शुरू करने जा रही है। दोनों योजनाओं के लिए अंतरिम बजट में राशि का प्रावधान किया जा रहा है।

केंद्रीय करों में हिस्सेदारी बढ़ी, 6500 करोड़ का अतिरिक्त बजट

वित्त विभाग के सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय करों में मप्र की हिस्सेदारी बढ़ गई है। केंद्र सरकार से मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए मध्य प्रदेश को 6500 करोड़ अतिरिक्त मिलेंगे। इसके हिसाब से राज्य के अंतरिम बजट में 1625 करोड़ रुपए की वृद्धि को शामिल किया जा रहा है।

पूंजीगत व्यय बढ़ाने पर सरकार का जोर

  • सरकार पूंजीगत व्यय को बढ़ावा भी देगी। अभी 56 हजार 256 करोड़ रुपए का प्रावधान है। इसे 60 हजार करोड़ रुपए से अधिक किया जा सकता है। इसमें सिंचाई परियोजना के साथ ऊर्जा क्षेत्र में सुधार को प्राथमिकता दी जाएगी। मेडिकल कालेजों के निर्माण को गति देने के साथ छोटी सड़कों पर ध्यान दिया जाएगा।
  • वित्त विभाग के सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार ने देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर को विश्व स्तरीय बनाने के लिए बजट में एक तरफ 11.1% बढ़ोतरी कर इसे रिकॉर्ड 11.11 लाख करोड़ रुपए किया है। इसका सबसे ज्यादा फायदा मध्य प्रदेश को होगा।
  • इसकी वजह यह है कि मप्र का सकल घरेलू उत्पाद पूंजीगत व्यय सबसे अधिक 4.5% है। इस हिसाब से मप्र 56 हजार करोड़ रुपए विकास कार्यों में खर्च करने के लिए कर्ज ले सकता है। लेकिन अब बजट का साइज बढ़ेगा तो पूंजीगत व्यय भी बढ़ने के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर भी बढ़ेगा।
मोहन सरकार अंतरिम बजट आएगा लेखानुदान