संजय शर्मा, BHOPAL. मध्य प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों ( Sabha elections ) पर कब्जा जमाने का दावा कर रही बीजेपी हर मोर्चे पर कांग्रेस की घेराबंदी करने पर जुटी हुई है। बीजेपी सरकार ने नदियों को जोड़ने के रिवर लिंक प्रोजेक्ट ( River Link Project ) के सहारे किसानों में अपनी पैठ को और गहरा करने की तैयारी कर ली है। केंद्र से डेढ़ माह पहले मिली चंबल, काली सिंध और पार्वती नदी लिंक प्रोजेक्ट की स्वीकृति से लाभान्वित मालवा- चम्बल अंचल के 17 जिलों के 3,614 गावों के किसानों को अपने पाले में खड़ा करने का लक्ष्य बना चुकी है। सीएम मोहन यादव ने इसके लिए जल कलश यात्रा का शुभारंभ किया है। यात्रा में शामिल जनप्रतिनिधि गांवों में जाकर नदियों को जोड़ने से किसानों को होने वाले लाभ गिनाएंगे। डॉ. मोहन यादव की सरकार के इस अभियान को शिवराज सिंह चौहान द्वारा साल 2006 में चलाए गए जलाभिषेक अभियान की तरह ही बताया जा रहा है।
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जल जागरुकता के सहारे किसानों को साधेगी सरकार
सीएम मोहन यादव ने कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में नर्मदा जल को कलशों में प्रवाहित करते हुए मालवा -चंबल अंचल में पार्वती, काली सिंध और चंबल जल कलश यात्रा का शुभारंभ किया है। यह जल कलश यात्रा मालवा और चंबल अंचल के उन 17 जिलों में पहुंचेगी, जिनको पार्वती , काली सिंह और चंबल नदी लिंक प्रोजेक्ट का लाभ सीधे तौर पर मिलेगा। इसमें जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता, विद्यार्थी सहित अन्य वर्गों के प्रबुद्धजन भी इसमें शामिल होंगे। जल कलश यात्रा के दौरान 3614 गांवों में नुक्कड़ नाटक, गीत- भजन और अन्य सांस्कृतिक आयोजन के जरिए लोगों को विशेषकर किसानों को देश की सबसे पहली केन- बेतवा और दूसरे पार्वती, काली सिंध- चंबल लिंक प्रोजेक्ट और इसकी उपयोगिता के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसी मौके पर 11 से 13 मार्च को गांव- गांव में जल जागरुकता कार्यक्रम भी होंगे।
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ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ने की योजना
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले शुरू हो रही जल कलश यात्रा का किसानों में अच्छा असर होने की उम्मीद सरकार को है। इसी वजह से इसे जन - जागरुकता का अभियान बनाने पर ज्यादा जोर दिया है। समाज के अलग- अलग वर्गों के लोगों के अलावा सबसे ज्यादा किसानों को इसमें जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं, क्योंकि नदियों को जोड़ने से सूखे -पठारी, बीहड़ क्षेत्रों में किसानों को ही इसका सबसे ज्यादा फायदा होगा। जल कलश यात्रा में हर वर्ग शामिल हो, इसके लिए स्व-सहायता समूह, सामाजिक संगठनों को भी इसमें जोड़ा गया है।
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सीएम बनते ही शिवराज ने भी चलाया था जलाभिषेक अभियान
मप्र की कमान संभालने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने अप्रैल 2006 में नीमच जिले से जल संरक्षण के लिए जलाभिषेक अभियान की शुरुआत की थी। इसे अच्छा रिस्पॉन्स मिलने के बाद उन्होंने खेत तालाब, बलराम तालाब जैसी योजनाएं शुरू कीं, जिन्हें कृषक वर्ग में पसंद किया गया और यहीं से शिवराज सिंह किसानों के चहेते सीएम बन गए। माना जा रहा है सीएम मोहन यादव भी शिवराज की तरह ही प्रदेश के किसानों को साधने की राह पर हैं।