MP NEWS: मध्य प्रदेश प्रदेश में 10 जून के बाद मानसून के सक्रिय होने की संभावना है। वर्तमान में, एक पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवात के कारण कई जिलों में बारिश हो रही है। प्री मानसून की दस्तक के साथ ही मौसम में बदलाव आने की संभावना है।
यहां से होगी एमपी में Monsoon की एंट्री
Monsoon की एंट्री एमपी के मंडला, सिवनी, डिंडौरी, बालाघाट, अनूपपुर जिलों से होगी। यानी कि सबसे ज्यादा बारिश इन्ही क्षेत्रों में होगी। मौसम विभाग के मुताबिक ने बताया कि देश में Monsoon की एंट्री जल्दी होती है तो प्रदेश में भी तय समय से पहले एंट्री हो सकती हैं। हालांकि, पिछली बार मानसून की एंट्री लेट थी।
पिछले साल 6 दिन लेट आया था मानसून
एमपी में Monsoon की एंट्री 21 जून हो हुई थी। जो तय समय से 6 दिन लेट था। पिछली बार मानसून ने पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी और अनूपपुर जिलों से एंट्री ली थी। इस बार मानसून सामान्य से बेहतर रह सकता है। सबसे ज्यादा बारिश शहडोल और जबलपुर संभाग में होने की संभावना जताई गई है। प्रदेश में 39 इंच के लगभग बारिश हो सकती है।
जनता को मानसून का इंतजार
गर्मी के कहर से बेहाल देश की जनता को मानसून की एंट्री का इंतजार है। खेतों में फसलों की उम्मीद लगाए बैठे किसान और गर्मी से राहत की तलाश में आम लोग अब आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं। हर साल की तरह इस बार भी मानसून कब और कितनी बारिश लेकर आएगा, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।
ये खबर भी पढ़िए... Weather Report : दिल्ली-एनसीआर में चलेगी धूल भरी आंधी, देशभर में प्री-मॉनसून की एंट्री
ये खबर भी पढ़िए... छत्तीसगढ़ के स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू, रायपुर में की गई लॉटरी
एमपी में कम हो सकती है बारिश
एमपी में 2024 की तुलना में कम बारिश हो सकती है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार प्रदेश में मानसून देर से पहुंचेगा और वर्षा का वितरण असमान हो सकता है। बावजूद इसके, जलस्तर बनाए रखने और खेती के लिए पर्याप्त वर्षा की उम्मीद है।
ये खबर भी पढ़िए... सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से मांगा जवाब, 31 जनवरी तक के लंबित मामलों की दें जानकारी
ये खबर भी पढ़िए... शराब ठेकेदार तिवारी की कनपटी पर पिस्टल अड़ाने के मामले में पुलिस को नहीं मिली गैंगस्टर हेमंत यादव की रिमांड
2024 में बारिश ने तोड़े थे रिकॉर्ड
2024 में Monsoon ने समय पर दस्तक दी थी और देशभर में औसत से अधिक वर्षा हुई थी। IMD के मुताबिक, भारत में 934.8 मिमी बारिश दर्ज की गई थी, जो दीर्घकालिक औसत से 8% अधिक थी। मध्य भारत में 19% ज्यादा, दक्षिण भारत में 14% और उत्तर-पश्चिम भारत में 7% अधिक बारिश दर्ज की गई थी। मध्यप्रदेश में अधिकतर इलाकों में नदियां उफान पर आ गई थीं।
एमपी में मानसून | देश दुनिया न्यूज