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BHOPAL. मोंथा तूफान के कारण मध्य प्रदेश समेत उत्तर भारत के तापमान में बदलाव देखने को मिला रहा है। बताया जा रहा है कि साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से मध्यप्रदेश का मौसम बदल रहा है। तूफान के असर के कारण एमपी निवाड़ी और टीकमगढ़ में गुरुवार सुबह तेज बारिश हुई।
रायसेन और इंदौर में घना कोहरा और ठंडी हवाएं चलीं। इससे पहले बुधवार को कई जिलों में बारिश हुई। भोपाल, इंदौर और उज्जैन में तेज हवा के कारण तापमान में गिरावट दर्ज कर ली गई है। उज्जैन का अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहा।
एमपी के 12 जिलों में बारिश का अलर्ट
रीवा, मऊगंज, सीधी, मैहर, शहडोल, अनूपपुर समेत 12 जिलों में बारिश में 2.5 से 4.5 इंच बारिश की संभावना है। खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, जबलपुर, कटनी और पन्ना में हल्की बारिश, गरज-चमक और आंधी का असर रहेगा।
कई शहरों में हवा की रफ्तार बढ़ी
बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवात मोंथा का असर प्रदेश में है। कई शहरों में हवा की रफ्तार बढ़ी है। इससे ठंड का असर महसूस हो रहा है। बुधवार को प्रदेश के 20 शहरों में तापमान 26 डिग्री से नीचे रहा। भोपाल में अधिकतम तापमान 25.2, इंदौर में 25.1, उज्जैन में 23, जबलपुर में 28.8 और ग्वालियर में 24.6 डिग्री रहा।
मौसम विभाग के अनुसार, मध्यप्रदेश से मानसून की विदाई हो चुकी है। 31 अक्टूबर से 2 नवंबर तक बारिश जारी रहेगी। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, नवंबर से ठंड शुरू होगी। ठंड फरवरी तक जारी रह सकती है। 2010 के बाद यह सबसे ठंडी सर्दी हो सकती है। सर्दियों में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है।
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इंदौर में छाया रहा कोहरा
नगर के आसमान में हल्का और घना कोहरा छाया रहा। कोहरे के कारण दृश्यता 2200 मीटर और हवा की गति 13 किलोमीटर प्रति घंटा रही। सूरज नहीं निकला और बादल छाए रहे। ठंडी हवाओं के कारण मौसम बदल गया। इंदौर में ठंड शुरू होते ही गजक की दुकानों की खुशबू फैलने लगी। शाम को दूध, जलेबी और गराडू चाट चौपाटी की दुकानें सजने लगीं।
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