पटवारी नियुक्ति आदेश से 9.69 लाख फेल उम्मीदवार नाराज, फिर से बड़े आंदोलन की कर रहे तैयारी

पटवारी भर्ती परीक्षा के रिजल्ट और जांच पर सवाल उठाते हुए उम्मीदवार नए सिरे से आंदोलन की तैयारी करने में जुट गए हैं। उधर, चयनित पटवारी नियुक्ति की लगातार मांग करते हुए कह रहे हैं कि हमने मेहनत की है, हमे हमारी नियुक्ति मिलना चाहिए।

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Pratibha Rana
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 पटवारी भर्ती परीक्षा

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संजय गुप्ता, INDORE. पटवारी भर्ती परीक्षा( Patwari Recruitment Exam Old Result) के पुराने रिजल्ट को ही मान्य करने और नियुक्ति देने संबंधी आदेश के बाद चयनित 9072 उम्मीदवारों को छोड़कर फेल हुए 9.69 लाख उम्मीदवारों में भारी नाराजगी है (परीक्षा कुल 9.78 लाख उम्मीदवारों ने दी थी)। एक बार फिर इस रिजल्ट और जांच पर सवाल उठाते हुए उम्मीदवार नए सिरे से आंदोलन की तैयारी करने में जुट गए हैं। उधर, चयनित पटवारी नियुक्ति(
Patwari Recruitment Exam) की लगातार मांग करते हुए कह रहे हैं कि हमने मेहनत की है, हमे हमारी नियुक्ति मिलना चाहिए। 

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एनईवाययू ने शुरू किया एकजुट करना

नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (एनईवाययू) ने इस मामले में आंदोलन की रूपरेखा बनाना शुरू कर दिया है। इसके लिए गुरूवार रात को ऑनलाइन मीटिंग हो गई है और शुक्रवार को फिर दोपहर में मीटिंग कर इस आंदोलन की औपचारिक घोषणा की जाएगी। वहीं कुछ कोचिंग संचालक भी मैदान में आ गए हैं और उन्होंने इस संबंध में अपने सोशल मीडिया पर संदेश दे दिया है कि आंदोलन करना होगा और दोषियों को सजा दिलाना होगी, इसके लिए सड़कों पर सभी को उतरना होगा। 

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जांच रिपोर्ट में क्लीन चिट से आपत्ति

-    हाईकोर्ट के रिटायर जस्टिस राजेंद्र वर्मा की 74 पन्नों की रिपोर्ट सतही है, इसका खुलासा द सूत्र ने एक फरवरी को ही कर दिया था। 
-    इसमें नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया में किस तरह से नंबर का खेल हुआ, इस पर ध्यान नहीं दिया गया
-    एक ही सेंटर एनआरआई से 114 उम्मीदवारों के चयन और खासकर टॉप 10 में से टॉप 7 के यहीं से आने को सामान्य माना और कहा गया कि अन्य सेंटर से भी 200-200 उम्मीदवार भी चयनित हुए यह कोई गलत नहीं है।
-    रिपोर्ट में तकनीकी पक्ष में नहीं देखा गया है कि किस तरह से आधुनिक तकनीक से साफ्टेवयर में घुसपैठ कर या अन्य तरीके से क्या कोई खेल हुआ है? आईपी एड्रेस आदि को नहीं देखा गया है। क्योंकि जांच कमेटी के पास इतने संसाधन ही नहीं थे।
-    कुछ इंटरव्यू में टॉपर्स द्वारा मीडिया को दिए जवाब से उन पर शंका जाती है, आखिर वह टॉप कैसे हुए?
-    कुछ मेडिकल सर्टिफिकेट को लेकर भी विवाद है लेकिन इस पर जांच कमेटी ने कहा है कि वह नियुक्ति देते समय मेडिकल जांच से क्लियर हो जाएगा। 
-    परीक्षा के पहले व बाद में ग्वालियर व अन्य जगहों पर कुछ लोग पकड़ाए थे इसमें सामने आया था कि पटवारी परीक्षा व अन्य परीक्षा में उनके द्वारा खेल करने के बयान पुलिस को आए थे लेकिन मामले को दबा दिया गया। 

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अभी तक क्या हुआ पटवारी परीक्षा में

ग्रुप 2, सब ग्रुप 4 पटवारी भर्ती परीक्षा मार्च-अप्रैल 2023 में हुई, इसमें 9.78 लाख उम्मीदवार शामिल हुए। जून अंत में रिजल्ट आया इसके कुछ दिन बाद जब रिजल्ट के डिटेल सामने आई तो बीजेपी विधायक के ग्वालियर के एनआरआई सेंटर से 114 उम्मीदवारों के चयन ने विवाद पकड़ा, खासकर टॉप 10 में से सात इसी सेंटर के थे। इसके बाद त्यागी सरनेम को लेकर विवाद आया और मेडिकल सर्टिफिकेट फर्जी होने को लेकर भी विवाद शुरू हो गया। सड़कों पर उम्मीदवार आ गए और घोटाले की बात कही। वहीं चयनित पटवारी भी सड़कों पर आए कि हमारा हक है हमे नियुक्त दो। विवादों के बीच 13 जुलाई को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जांच कमेटी बना दी और 31 अगस्त की समयसीमा तय की। लेकिन समयसीमा फिर अक्टूबर तक और फिर 31 जनवरी तक बढ़ गई। 30 जनवरी को कमेटी ने रिपोर्ट जीएडी को सौंप दी। रिपोर्ट में क्लीन चिट के बाद 15 फरवरी को जीएडी ने तय किया कि पुराने जारी रिजल्ट की मान्य है और इसी आधार पर चयनितों को नियुक्ति दी जाएगी।

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