मुरैना जिला अस्पताल में लगी आग, जिस हालत में थे उसी हालत में भागे मरीज, 1 की मौत

मुरैना जिला अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। ऑक्सीजन मास्क निकलने से एक मरीज की मौत हो गई। दमकल वाहन पहुंचा, लेकिन अंदर तक नहीं जा सका। आग पर कर्मचारियों ने काबू पाया।

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Rohit Sahu
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MP News: बुधवार शाम करीब 6 बजे मुरैना (Morena) जिला अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग के ऑपरेशन थिएटर, बर्न यूनिट और सर्जिकल वार्ड में अचानक आग लग गई। आग लगते ही अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। मरीजों के परिजन उन्हें लेकर बाहर भागने लगे। आग से बचने के लिए भागते समय एक मरीज का ऑक्सीजन मास्क निकल गया जिससे उसकी मौत हो गई। पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है अस्पाताल का फायर अलार्म सिस्टम पूरी तरह फेल हो गया था।

ऑक्सीजन मास्क निकलने से एक मरीज की मौत

छोदा गांव के 50 वर्षीय वीरेंद्र करेड़ा को सुबह सांस लेने की तकलीफ के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आग लगने पर परिजन उन्हें बाहर ले जा रहे थे। इसी दौरान उनका ऑक्सीजन मास्क निकल गया। जब तक मरीज को बाहर लाया गया काफी देर हो चुकी थी। बाहर जब डॉक्टरों ने जांच की तो उनकी मौत हो चुकी थी।

धुएं से गैलरी में दिखना हो गया था बंद

आग लगते ही सर्जिकल वार्ड से सटी गैलरी में धुआं भर गया। मरीज और उनके परिजन जल्दी-जल्दी वार्ड खाली करने लगे। कुछ मरीजों ने खुद ड्रिप निकालकर बाहर की ओर दौड़ लगा दी। एक मरीज घिसटते हुए बाहर निकलता दिखाई दिया। घटना की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची। लेकिन दमकल वाहन अस्पताल की इमारत के अंदर तक नहीं जा सका। अस्पताल कर्मचारियों ने हिम्मत दिखाते हुए आग पर समय रहते काबू पा लिया।

फायर अलार्म सिस्टम पूरी तरह फेल

हादसे के दौरान फायर सेफ्टी सिस्टम की विफलता सामने आई। बिल्डिंग में लगी फायर पाइपलाइन और सायरन सिस्टम काम नहीं कर सके। न तो कोई अलार्म बजा और न ही चेतावनी का सिग्नल मिला, जिससे हालात और बिगड़े। अस्पताल में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है।ओवरलोड बिजली फ्लक्चुएशन की वजह से अस्पताल में आग लगी। आग लगने के समय अस्पताल में 200 से अधिक मरीज भर्ती थे।

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सिविल सर्जन बोले- हालात पर पाया गया काबू

घटना की जानकारी मिलते ही SDM भूपेंद्र सिंह और CSP दीपाली चंदोरिया मौके पर पहुंचे। सिविल सर्जन डॉ. गजेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी थी और समय रहते उस पर काबू पा लिया गया। हादसे के बाद अस्पताल प्रशासन ने पत्र जारी कर स्पष्ट किया कि ऑपरेशन थिएटर में उस समय कोई मरीज नहीं था। सर्जिकल वार्ड में मौजूद सभी मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था।

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नर्स ने कहा-बाहर भागो

मृतक के परिजन नीरज ने बताया कि मरीज को ऑक्सीजन लगी हुई थी। आग लगते ही नर्स ने कहा- बाहर भागो, बाहर भागो। हम मरीज को कंधे पर रखकर बाहर लाए, लेकिन ऑक्सीजन मास्क निकल जाने के कारण उनकी जान नहीं बच सकी। तालपुरा निवासी सुनीता ने बताया कि उनका बेटा अस्पताल में भर्ती था। आग लगने के बाद सभी बाहर निकल गए, लेकिन उनका बेटा अंदर ही रह गया। रोते हुए जब उसने लोगों से मदद मांगी तो कुछ लोग अंदर गए और बेटे को बाहर निकाला।

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