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Photograph: (the sootr)
उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती में एक बड़ी धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। मध्य प्रदेश के चार लड़कों ने एससी (Scheduled Caste) के उम्मीदवार के तौर पर यूपी पुलिस में सिपाही की नौकरी पा ली थी, लेकिन ट्रेनिंग के दौरान उनकी वास्तविकता सामने आ गई।
यह मामला उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के घोरावल थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। इन चारों लड़कों ने स्थानीय स्तर पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र बनवाकर यूपी पुलिस में आरक्षण का लाभ उठाया था। यह फर्जीवाड़ा अब पुलिस के रडार पर आ गया है और इन चारों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
फर्जीवाड़े का खुलासा कैसे हुआ?
फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब इन लड़कों की ट्रेनिंग के दौरान जांच की गई। सोनभद्र पुलिस ने पाया कि ये लड़के दरअसल मध्य प्रदेश के निवासी हैं और अपनी असल जाति ओबीसी (Other Backward Classes) से एससी में बदलकर आरक्षण का लाभ ले रहे थे। इन लड़कों ने झूठे प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल करके यूपी पुलिस में सिपाही बनने का प्रयास किया था। जांच में यह भी सामने आया कि इन्होंने अपने आवेदन पत्र में झूठे पते और जाति के बारे में जानकारी दी थी।
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फर्जी जाति प्रमाणपत्र के इस्तेमाल का मामला
इन चारों आरोपियों ने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के घोरावल से फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया था, जिसमें उन्हें एससी (Scheduled Caste) के रूप में दर्ज किया गया था। असल में वे मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के निवासी थे और ओबीसी श्रेणी में आते थे। उनकी जाति बैसवार थी, जो मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग में आती है। इन लड़कों ने साठगांठ करके यह प्रमाण पत्र प्राप्त किए थे ताकि वे यूपी पुलिस में आरक्षण का लाभ उठा सकें और सिपाही की नौकरी पा सकें।
ऐसे समझें एमपी के युवकों द्वारा किए गए इस फर्जीवाडे़ को
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पुलिस ने किया केस दर्ज, जाएगी नाैकरी
फर्जीवाड़े का खुलासा होते ही यूपी पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। अब तक जांच जारी है और पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ सोनभद्र जिले के घोरावल थाना में केस दर्ज कर लिया है। आरोपियों के नाम उमेश कुमार वैस, विजय कुमार, राकेश सिंह और दीपक कुमार हैं। चारों इस समय पुलिस ट्रेनिंग के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे। ट्रेनिंग के कुछ दिनों बाद उनकी तैनाती होने वाली थी, लेकिन अब उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
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यूपी पुलिस में भर्ती में ऐसे फर्जीवाड़े आम हैं
यह पहली बार नहीं है जब यूपी पुलिस में भर्ती के दौरान फर्जीवाड़ा सामने आया है। इससे पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं, जहां उम्मीदवारों ने जाली प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल किया है।
यूपी पुलिस में शिक्षक विभाग में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी प्राप्त की गई थी। इस तरह के फर्जीवाड़े न केवल नौकरी प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं, बल्कि इसका सामाजिक और कानूनी प्रभाव भी गंभीर होता है।
जाएगी नौकरी, हो सकती है जेल
अब जब यह फर्जीवाड़ा सामने आ गया है, तो इन चारों युवकों को अपनी नौकरी खोने का खतरा है। इसके अलावा, इन पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है, जो इनकी जीवन भर की मुश्किलें बढ़ा सकती है। यूपी पुलिस ने इस मामले में कड़ी जांच शुरू कर दी है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी ऐसे गलत तरीके से भर्ती न हो सके।
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