मध्य प्रदेश के साढ़े सात लाख कर्मचारी और अधिकारियों को हर महीने 1 से 10 हजार रुपए तक ज्यादा मिलेंगे। कर्मचारियों का 50% डीए मूल वेतन में मर्ज होगा। प्रदेश में डीए बढ़ने से एचआरए और टीए में भी फायदा होगा।
बता दें, मध्य प्रदेश सरकार ने बजट में कर्मचारियों और अधिकारियों के मूल वेतन में 50% डीए मर्ज करने और आगे बढ़ने वाले डीए का भुगतान, 3% इंक्रीमेंट के लिए इस साल 58,622 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
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हर महीने इतना मिलेगा फायदा
कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (डीए) 50% होने पर उसे मूल वेतन में मर्ज किया जाएगा। अभी कर्मचारियों को 46% डीए देय है। इसमें दीपावली तक 4% वृद्धि प्रस्तावित है। यह कवायद सातवें वेतनमान की अनुशंसाओं के अनुसार की जा रही है। उस हिसाब से डीए 50% होने पर उसे मूल वेतन में जोड़ा जाएगा। इससे हर महीने 1000 से लेकर 10 हजार तक का फायदा होगा।
केंद्र के समान 50 फीसदी डीए होने पर उसे मूल वेतन में मर्ज कर दिया जाएगा। मतलब 50 हजार रुपए वेतन और 50 फीसदी डीए की राशि 25 हजार मिलाकर वेतन हो जाएगा 75 हजार रुपए हो जाएगा। आगे जब डीए बढ़ेगा तो फायदा 75 हजार रुपए के हिसाब से मिलेगा।
अब समझिए महंगाई भत्ता (डीए) क्या होता है ?
महंगाई भत्ता (Dearness Allowance या DA) एक ऐसा भत्ता है, जो कर्मचारियों को उनकी मूल वेतन पर महंगाई के प्रभाव को कम करने के लिए दिया जाता है। जब देश में महंगाई बढ़ती है, तो सरकार कर्मचारियों के डीए में वृद्धि करती है ताकि वे बढ़ती हुई कीमतों का सामना कर सकें।
डीए कैसे काम करता है?
- महंगाई दर: डीए की गणना उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index या CPI) पर आधारित होती है। CPI एक आर्थिक सूचक है, जो समय के साथ विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में बदलाव को मापता है।
- सरकारी आदेश: सरकार समय-समय पर CPI के आधार पर डीए में वृद्धि या कटौती का आदेश जारी करती है।
- वेतन पर जोड़: डीए को कर्मचारी के मूल वेतन में जोड़ दिया जाता है।
डीए का महत्व
- महंगाई से रक्षा: डीए का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को महंगाई के प्रभाव से बचाना है।
- जीवन स्तर: डीए में वृद्धि से कर्मचारियों का जीवन स्तर सुधरता है।
- आर्थिक स्थिरता: डीए में नियमित वृद्धि से अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनी रहती है।
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