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Education news: मध्यप्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में एक जरूरी कदम उठाया गया है। इसमें 53 सरकारी स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का पाठ्यक्रम शुरू किया गया है।
इस पहल का उद्देश्य छात्रों को एडवांस्ड टेक्नोलॉजीज और प्रोग्रामिंग के क्षेत्र में शिक्षा देना है जिससे वे भविष्य के लिए तैयार हो सकें। इस परियोजना में माइक्रोसॉफ्ट का सहयोग मिला है जो छात्रों को तकनीकी शिक्षा देने में मदद कर रहा है।
AI सिलेबस के फीचर्स
इस AI सिलेबस में छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और पायथन प्रोग्रामिंग जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों से परिचित कराया जा रहा है। यह सिलेबस कक्षा 8वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध है।
इसकी कुल अवधि 240 घंटे निर्धारित की गई है, जिसमें छात्रों को AI की बेसिक समझ, पायथन प्रोग्रामिंग, मशीन लर्निंग और डेटा साइंस जैसे विषयों का ज्ञान मिल सकता है।
बता दें कि, पिछले वर्ष कक्षा 9वीं में 1013, कक्षा 10वीं में 694 और कक्षा 11वीं में 266 छात्रों ने इस तकनीक की शिक्षा प्राप्त की।
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में AI का महत्व
बता दें कि, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में विद्यार्थियों को AI जैसी उन्नत तकनीकों से सुसज्जित करने पर जोर दिया गया है। इस नीति के तहत, स्कूलों में तकनीकी शिक्षा का प्रसार किया जा रहा है, ताकि भविष्य के लिए विद्यार्थियों को तैयार किया जा सके।
AI सिलेबस से छात्रों को न केवल आधुनिक तकनीक के बारे में सिखाया जा रहा है, बल्कि यह उनके कौशल विकास को भी बढ़ावा देता है जो भविष्य में रोजगार के अवसरों में सहायक होगा।
पायथन प्रोग्रामिंग की भूमिका
इस सिलेबस में पायथन प्रोग्रामिंग भी एक जरूरी हिस्सा है। पायथन एक वर्सटाइल और पॉपुलर प्रोग्रामिंग भाषा है। इसका उपयोग वेब डेवलपमेंट, डेटा साइंस, मशीन लर्निंग और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में किया जाता है।
यह भाषा हाई-लेवल और एक्सप्लनेटोरी है, जिससे इसे कोडिंग के लिए आसानी से उपयोग किया जा सकता है। इसके द्वारा विद्यार्थियों को प्रोग्रामिंग की बेसिक जानकारी से लेकर, जटिल सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट तक के स्किल्स दिए जाते हैं।
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वोकेशनल एजुकेशन
नई शिक्षा नीति 2020 में यह भी स्पष्ट किया गया है कि शिक्षा संस्थानों को ऐसे मॉडल विकसित करने चाहिए, जिससे विद्यार्थियों को
वोकेशनल एजुकेशन मिल सके। इसके तहत, कौशल विकास और उद्यमिता के लिए पहल की जा रही है, ताकि छात्रों को उद्योगों में जरूरी स्किल्स मिल सकें।
भारत की बड़ी जनसंख्या, जिसमें 54% से अधिक लोग 25 वर्ष से कम आयु के हैं, को देखते हुए भारत के पास सबसे बड़ी स्किल कैपिटल बनाने का अवसर है।
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माइक्रोसॉफ्ट का सहयोग
माइक्रोसॉफ्ट का इस परियोजना में अहम योगदान है। माइक्रोसॉफ्ट ने शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल टूल्स और ट्रेनिंग रिसोर्सेज दिए हैं, जो इस पाठ्यक्रम को सफल बनाने में मदद कर रहे हैं।
माइक्रोसॉफ्ट की सहायता से छात्रों को आधुनिक तकनीकी शिक्षा दी जा रही है, जो उन्हें भविष्य में बेहतर अवसर प्राप्त करने में सक्षम बनाएगी।
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