मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के ग्वालियर खंडपीठ परिसर में मंगलवार को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति स्थापना को लेकर वकीलों ने ज्ञापन सौंपा। एडवोकेट विश्वजीत रतौनिया ने बताया कि यह ज्ञापन माननीय रजिस्ट्रार के माध्यम से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेजा गया। इस ज्ञापन पर 1500 से ज्यादा वकीलों के हस्ताक्षर कराए गए थे। वहीं दूसरी तरफ हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने 20 मार्च को मूर्ति लगाने के विरोध में लाल पट्टी बांधकर काम किया था। इस मामले में वकील और बार एसोसिएशन 2 मत नजर आ रहे हैं।
14 अप्रैल से पहले मूर्ति की स्थापना की मांग
ज्ञापन सौंपने पहुंचे अधिवक्ताओं ने एकमत होकर कहा कि बाबा साहब की प्रतिमा की स्थापना का यह निर्णय ऐतिहासिक है और इसके लिए हाईकोर्ट और चीफ जस्टिस का धन्यवाद किया जाना चाहिए। वकीलों ने मांग की कि इस काम को और तेज गति से संचालित किया जाए, ताकि 14 अप्रैल यानी अंबेडकर जयंती तक मूर्ति की स्थापना और उद्घाटन किया जा सके।
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समानता और न्याय के प्रतीक हैं बाबा साहब
वकीलों का कहना है कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर समानता, न्याय और संविधान के प्रतीक हैं। उन्होंने देश के लिए आधुनिक भारत के निर्माण, महिलाओं के उत्थान और समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष किया। इसलिए, उनकी प्रतिमा को जल्द से जल्द स्थापित कर समाज में समानता और भाईचारे का संदेश फैलाना जरूरी है।
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बार एसोसिएशन ने किया था विरोध
ग्वालियर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने हाई कोर्ट परिसर में बाबा साहब अम्बेडकर की मूर्ति लगाने के फैसले का विरोध किया है। एसोसिएशन का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी महापुरुष की मूर्ति नहीं लगाई जा सकती।
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