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BHOPAL. मंगलवार को मध्यप्रदेश विधानसभा में नगरपालिका संशोधन अध्यादेश 2025 पारित हुआ। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इसे राजीव गांधी की प्रणाली को मजबूत करने वाला कदम बताया। साथ ही मंत्री ने तंज करते हुए कहा कि राहुल गांधी की टीम इस कानून का विरोध कर रही है।
राइट टू रिकॉल की समय सीमा अब तीन साल
विजयवर्गीय ने बताया कि पहले राइट टू रिकॉल लागू करने की समय सीमा सवा दो साल थी। जिसे अब तीन साल कर दिया गया है। उनके मुताबिक यह फैसला लोकतंत्र को मजबूत करने और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में उठाया गया कदम है।
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यह सुधार नहीं, राजनीतिक फायदा: विपक्ष
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि कांग्रेस ने बिल का विरोध नहीं किया, सिर्फ सुधार सुझाव दिए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नगरपालिका बिल का असली मकसद जनता की सुविधा नहीं, बल्कि राजनीतिक लाभ लेना है। सिंघार का कहना था कि तीन साल बाद अध्यक्ष को हटाना सही नहीं है। उनका पूरा कार्यकाल पूरा होना चाहिए।
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कांग्रेस ने उठाए सवाल
बीजेपी विधायक दिव्यराज सिंह ने नगरपालिका परिषदों के सीधे चुनाव को सराहनीय कदम बताया। कांग्रेस विधायक नितेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि कई नगरीय निकायों में अध्यक्षों के खिलाफ जनता का आक्रोश था। राठौर का सवाल था- क्या यह संशोधन कहीं उन अध्यक्षों को बचाने के लिए नहीं लाया गया? हालांकि उन्होंने माना कि इससे हॉर्स ट्रेडिंग पर कुछ हद तक रोक लग सकती है।
जहां नेता बिकते हों… वहां रिकॉल का क्या मतलब?
कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि विधायकों और पार्षदों की खरीद-फरोख्त नहीं रुक रही। राइट टू रिकॉल तीन साल बाद नई मंडी खोलेगा। बरैया का आरोप था कि यह बदलाव खरीद-फरोख्त का नया चक्र पैदा करेगा।
सीधे चुनाव लोकतंत्र को सशक्त बनाएंगे
नगरीय प्रशासन राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि लोकतंत्र की भावना है कि नगरपालिकाओं के चुनाव जनता कराए। उन्होंने कहा कि बिल सर्वसम्मति से पास हुआ है। इस पर आरोप लगाना लोकतंत्र की नीयत पर सवाल खड़ा करना है।
दल-बदल कानून लागू करने की मांग उठी
कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि राइट टू रिकॉल में स्पष्टता जरूरी है। उन्होंने मांग की कि नगरीय निकायों में दल-बदल कानून लागू किया जाए। इससे हॉर्स ट्रेडिंग पर सख्त रोक लग सके।
मंडी और सहकारिता चुनाव नहीं होने पर भी सवाल
जयवर्धन सिंह ने कहा कि मंडी और सहकारिता चुनाव लंबे समय से लंबित हैं और सरकार इस पर स्पष्ट जवाब दे। साथ ही उन्होंने जनपदों के चुनाव भी इसी प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं में अमला बढ़ाया जाए। इससे अतिक्रमण हटाने जैसी कार्रवाइयां तेज हो सकेंगी।
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