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Photograph: (THESOOTR)
मध्य प्रदेश में बाल विवाह की समस्या हर साल बढ़ रही है। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग करोड़ों रुपए का बजट खर्च करता है। इसके बावजूद बाल विवाह के मामलों में वृद्धि हो रही है।
2020 से 2025 तक, हर साल औसतन 400 से अधिक बाल विवाह के मामले सामने आए हैं। मंत्री निर्मला भूरिया ने विधानसभा में इस मुद्दे को स्वीकार किया और बताया कि इस समस्या पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है।
कांग्रेस विधायक से सवाल पर दिया जवाब
एमपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र (MP Assembly winter session ) के दूसरे दिन कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने सवाल पूछा। उन्होंने पूछा कि मार्च 2020 से अब तक कितने बाल विवाह के मामले सामने आए, जिनमें लड़कियों की उम्र 18 साल से कम पाई गई।
मंत्री निर्मला भूरिया ने बताया कि इस समस्या पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है। 2020 से हर साल बाल विवाह के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस मुद्दे पर नरसिंहगढ़ सीट से बीजेपी विधायक मोहन शर्मा ने कहा- पहले बाल विवाह होते थे, अब प्रशासन व जनप्रतिनिधि इन्हें रोकने का प्रयास कर रहे हैं।
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बाल विवाह पर बढ़ती चिंता
मध्य प्रदेश में बाल विवाह की बढ़ती संख्या एक गंभीर समस्या बन गई है। महिला एवं बाल विकास विभाग इस पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद बाल विवाह की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। 2020 से लेकर 2025 तक हर साल औसतन 400 से अधिक बाल विवाह के मामले दर्ज हुए हैं।
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2025 में 538 बाल विवाह के मामले
विधानसभा में महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने बताया कि 2025 में अब तक 538 बाल विवाह के मामले सामने आए हैं। कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने पूछा था कि बाल विवाह के बाद कितनी बालिकाओं ने बच्चों को जन्म दिया और कितने बच्चों की मौत हुई।
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जबलपुर में 13 साल की लड़की का बाल विवाह
जबलपुर के मंगेला गांव में 13 साल की लड़की का जबरन बाल विवाह कराया गया था। इस विवाह के बाद लड़की गर्भवती हो गई और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस मामले में पुलिस ने लड़की के माता-पिता और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया।
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आगर मालवा में पुलिस ने रोका बाल विवाह
आगर मालवा जिले के सिया गांव में एक 13 साल की लड़की का विवाह किया जा रहा था, जिसे पुलिस ने रोक दिया। परियोजना अधिकारी और नायब तहसीलदार ने माता-पिता को समझाया और उन्हें बेटी के 18 साल का होने पर विवाह करने की सहमति दी।
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राज्य सरकार के जागरुकता कार्यक्रम
राज्य सरकार बाल विवाह को रोकने के लिए कई कदम उठा रही है। प्रशासन और जनप्रतिनिधि बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके बावजूद, यह समस्या जटिल बनी हुई है, और प्रभावी समाधान के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
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