एमपी में पैक्स कर्मचारी अब नहीं करेंगे काम, अनिश्चितकाल हड़ताल पर गए, सरकार से कर रहे ये मांग

राशन, खाद वितरण सहित पैक्स समितियों की ओर जारी काम प्रभावित होंगे। आंदोलन की राह पर सहकारिता कर्मचारी उतर गए हैं। अब पूरे मामले को लेकर चर्चा जारी है।

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Dablu Kumar
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पूनम राउत @ बालाघाट

मध्यप्रदेश सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के कहने पर आज से प्रदेश की सभी बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां (पैक्स) अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई हैं।  यानी, पैक्स के कर्मचारी अब तब तक काम नहीं करेंगे जब तक उनकी लंबित मांगें पूरी नहीं होतीं। दरअसल, पिछले कुछ दिनों से ये कर्मचारी सरकार से अपनी समस्याओं का समाधान मांग रहे थे और इसके लिए उन्होंने कई बार ज्ञापन और आवेदन दिए थे, लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।

अब तक सरकार या प्रशासन ने सहकारिता कर्मचारियों की समस्याओं का कोई समाधान नहीं किया और न ही इस पर कोई ठोस कदम उठाए। इसी वजह से आज से पूरे प्रदेश के सहकारिता कर्मचारी काम नहीं करेंगे और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।

'मानसिक और आर्थिक शोषण हो रहा'

फोन पर बातचीत करते हुए महासंघ के नेताओं ने बताया कि सहकारिता के कर्मचारी सरकार और प्रशासन के नियमों का पालन करते हुए अपने काम कर रहे हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन की नीतियां ऐसी हैं कि पिछले कई सालों से इन कर्मचारियों का मानसिक और आर्थिक शोषण हो रहा है।

पहले सरकार और प्रशासन ने कई बार सहकारिता कर्मचारियों को यह आश्वासन दिया था कि उनकी लंबित मांगें पूरी की जाएंगी। लेकिन आज भी उनकी समस्याएं वैसे की वैसे हैं। इसके साथ ही कर्मचारी मानसिक रूप से परेशान और शोषित हो रहे हैं। महासंघ के नेताओं ने कहा कि जब तक उनकी तीन महत्वपूर्ण मांगों और अन्य समस्याओं का समाधान नहीं किया जाएगा, तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी।

महासंघ की मुख्य मांगें

  • कई कर्मचारी अभी भी प्रबंधक पद के लिए चयन नहीं हो पाने से परेशान हैं, जबकि आदेश पहले ही दिए जा चुके थे। उन्हें तुरंत चयन प्रक्रिया पूरी करने की मांग है।
  • विक्रेताओं को जो 3 हजार रुपए मानदेय मिलना था, वो अभी तक नहीं मिला, इसे जल्दी दिलाने की अपील की जा रही है। इसके अलावा, समितियों को जो प्रबंधकीय अनुदान की राशि मिलनी थी, वो भी नहीं दी गई है।
  • दूसरी मांगें ये हैं- राशन विक्रेताओं को 2 किलो कम राशन मिलने का जो मुद्दा है, उसे ठीक किया जाए। पैक्स कर्मचारियों को कलेक्टर दर से वेतन दिया जाए। विक्रेताओं का वेतन सेविंग अकाउंट में डाला जाए। कनिष्ठ विक्रेताओं की नौकरी की समयावधि खत्म की जाए और खाद्यान्न की रिकवरी के नोटिस वापस लिए जाएं।

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हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा

सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष कुंवर बी.एस. चौहान ने कहा कि इस बार प्रदेश के सहकारिता कर्मचारी पूरी तरह से संघर्ष के मूड में हैं। वे पिछले कई दिनों से सरकार से अपनी मांगों के लिए ज्ञापन दे रहे हैं, लेकिन फिर भी उनकी समस्याओं का हल नहीं निकाला जा रहा है।

उनका सवाल ये है कि आखिर कब तक सहकारिता कर्मचारी इस तरह से शोषित होते रहेंगे? उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी।

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महासंघ जिलाध्यक्ष पी.सी. चौहान का बयान

सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के बालाघाट जिलाध्यक्ष पी.सी. चौहान ने कहा कि सहकारिता कर्मचारी सरकार की योजनाओं और दिशा-निर्देशों का अच्छे से पालन कर रहे हैं। लेकिन फिर भी सरकार उनकी समस्याओं को हल करने की कोशिश नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कई बार वादे किए थे और कर्मचारियों को आश्वासन दिया था। लेकिन आज भी कर्मचारी अपने सही हक और अधिकार से वंचित हैं। ऐसा लगता है कि सरकार को सहकारिता कर्मचारियों की कोई परवाह नहीं है।

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