BHOPAL. मध्य प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेने को लेकर गड़बड़ी सामने आई है। दावा है कि यहां बड़े-बड़े अधिकारी आयुष्मान योजना का लाभ उठा रहे हैं। भोपाल में आयुष्मान कार्ड का फायदा IAS समेत कई अधिकारी, डॉक्टर्स यहां तक कि कई एनआरआई ले रहे हैं। इस योजना में भोपाल गैस पीड़ितों को सशर्त शामिल किया गया है। कई अपात्र गैस पीड़ितों ने भी आयुष्मान कार्ड बना रखे हैं। इन लोगों में केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी शामिल हैं।
डॉक्टर्स और अधिकारियों के बने आयुष्मान कार्ड
भारत सरकार ने आयुष्मान योजना महंगा इलाज कराने में असमर्थ परिवारों के लिए शुरू की थी। इसके तहत गरीब मरीजों का 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज किया जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मध्य प्रदेश में योजना का लाभ लेने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों, डॉक्टर्स और एनआरआई के आयुष्मान कार्ड बने हुए हैं। बताया जा रहा है कि एक आईएएस अधिकारी ने आयुष्मान कार्ड के लिए आवेदन किया था। इसके बाद मामला उजागर हुआ है। इसके बाद आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि 2 महीने तक लोगों के कार्ड बनाने का काम ही रुका रहा।
डिप्टी सेक्रेटरी के आवेदन पर विवाद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पूरा मामला केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में नेशनल हेल्थ अथॉरिटी की डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर तैनात रूही खान से जुड़ा हुआ है। उन्होंने आयुष्मान कार्ड योजना के लिए आवेदन किया था। उन्होंने दावा किया कि उनका पूरा परिवार गैस त्रासदी का पीड़ित है। 1984 में गैस त्रासदी के दौरान वह IAS नहीं थी। इस आधार पर उन्हें आयुष्मान कार्ड योजना का लाभ मिलना चाहिए। रूही खान ने बताया कि सभी गैस पीड़ित आयुष्मान योजना का लाभ ले सकते हैं। उन्होंने गैस पीड़ित होने के आधार पर आयुष्मान कार्ड के लिए आवेदन किया है।
कार्ड बनाने की प्रक्रिया को किया होल्ड
जानकारी ये भी मिली है कि अधिकारी के आयुष्मान कार्ड के लिए आवेदन करने के बाद मध्य प्रदेश आयुष्मान की तत्कालीन सीईओ अदिति गर्ग ने पात्रता को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कार्ड बनाने की प्रक्रिया को ही होल्ड कर दिया। साथ ही अब तक बने आयुष्मान कार्डों पर भी सवाल उठ रहे हैं। अब तक बने ऐसे आयुष्मान कार्ड की भी जांच की गई है। वहीं, अब मामले में प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, गैस राहत को विभाग फैसला लेना है।
इस मामले में IAS अधिकारी रूही खान के दावे को लेकर आयुष्मान विंग और गैस राहत विभाग के बीच असहमति है। मामले में गैस राहत विभाग ने कहा कि न्यायालय के आदेश के अनुसार सभी गैस पीड़ितों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा सकते हैं। यह कोर्ट से स्वीकृत प्रक्रिया है।
इन अधिकारियों के बने आयुष्मान कार्ड
जानकारी के अनुसार भोपाल में कई अधिकारियों ने खुद और परिवार को गैस पीड़ित बताकर आयुष्मान कार्ड बनाए हैं। स्वास्थ्य विभाग में संचालक रहते हुए आईएएस दिनेश श्रीवास्तव ने अपना और परिवार का आयुष्मान कार्ड बनाया, उन्होंने गैस पीड़ित होने के आधार पर कार्ड बनवाया। इसी तरह जेपी अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर राकेश श्रीवास्तव ने भी गैस पीड़ित होने का दावा किया और अपना आयुष्मान कार्ड बनवाया। गैस राहत विभाग के अस्पतालों के कई डॉक्टरों ने आयुष्मान कार्ड बनवाए हैं।
राज्य प्रशासनिक सेवा और अन्य सेवा में पदस्थ अधिकारी जो गैस पीड़ित हैं, उनमें भी कई के आयुष्मान कार्ड बने हैं। विदेश में नौकरी करने वाले लोगों के भी कार्ड बनाए गए हैं।
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