मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए अच्छी खबर है। मोहन यादव सरकार भोपाल के बाद अब इंदौर में ड्रोन स्कूल खोलने जा रही है। इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव नवंबर में कर सकते हैं। कृषि क्षेत्र में ड्रोन (Drone) के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, भारत सरकार के नागर विमानन मंत्रालय के तहत डीजीसीए (Directorate General of Civil Aviation) ने ड्रोन पायलट के प्रशिक्षण के लिए RPTO (रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन) के माध्यम से कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय, मध्यप्रदेश, शासन को ड्रोन स्कूल इंदौर के लिए हाल ही में मान्यता प्रदान की है।
डीजीसीए से RPTO संचालन की मिली मान्यता
दरअसल, पीएम मोदी के ड्रोन अभियान से प्रेरणा लेकर सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने ड्रोन की ट्रेनिंग को लेकर जरूरी निर्देश दिए थे। जिसके बाद ड्रोन स्कूल इंदौर (Drone School indore) रिमोट पायलट ट्रेनिंग आर्गेनाइजेशन संचालन के लिए डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन से मान्यता मिल गई है। ड्रोन स्कूल की स्थापना के लिए कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय और सेंटर फॉर एयरोस्पेस रिसर्च रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन, अन्ना विश्वविद्यालय चेन्नई के साथ एमओयू साइन हुआ है। यह ऑर्गनाइजेशन ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण देगा है।
युवाओं को दी जाएगी ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग
जानकारी के अनुसार खेती में यंत्रों के उपयोग को लेकर सरकार ट्रेनिंग देगी। कौशल विकास योजना के तहत युवाओं को इंदौर ड्रोन स्कूल में 7 दिन की ट्रेनिंग दिया जाएगा। इस RPTO में 5 ड्रोन हैं। ड्रोन पायलट लाइसेंस के लिए एक बैच में 20 प्रतिभागियों को ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी।
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ड्रोन पायलट के लाइसेंस की अनिवार्यता खत्म
कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय के संचालक राजीव चौधरी जानकारी देते हुए बताया कि ड्रोन स्कूल की फीस 15 हजार रुपए के अलावा जीएसटी देय होगा। जबकि आम तौर पर ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग की फीस 60 हजार रुपए से ज्यादा होती है। RPTO के लिए संचालनालय द्वारा जल्द ही विज्ञापन जारी कर युवाओं के आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र में ड्रोन संचालन के लिए ड्रोन पायलट के वैध लाइसेंस की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। अब 10वीं पास आवेदक भी इसके लिए पात्र होंगे। RPTO का संचालन संचालनालय और अन्ना विश्वविद्यालय चेन्नई करेगा।
संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी द्वारा किसान ड्रोन खरीदने के लिए अनुदान प्राप्त करने के लिए आवेदन आमंत्रित करने की प्रक्रिया शीघ्र ही आरंभ होने जा रही है। इस अनुदान योजना के तहत व्यक्तिगत श्रेणी के कृषक, कस्टम हायरिंग केंद्र के संचालक और कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) के अंतर्गत आने वाले कृषक, केंद्र संचालक कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल farmer.mpdage.org पर आवेदन प्रस्तुत कर सकेंगे।
किसानों को मिलेगी आर्थिक सहायता
महिला, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों के लिए ड्रोन के रेट का 50 प्रतिशत, अधिकतम 5 लाख रुपए तक अनुदान दिया जाएगा। अन्य वर्गों के कृषकों और कस्टम हायरिंग केंद्र के संचालकों के लिए ड्रोन के रेट का 40 प्रतिशत, अधिकतम 04 लाख रुपए तक अनुदान उपलब्ध होगा। कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) के लिए ड्रोन की कीमत का 75 प्रतिशत, अधिकतम 07 लाख 50 हजार रुपये तक अनुदान प्रदान किया जाएगा। इस प्रकार, सभी संबंधित कृषक जल्द ही आवेदन कर सकते हैं।
सरकार के पास नहीं बजट की कमी
सीएम मोहन यादव का कहना है की पीएम मोदी ने देश के युवाओं के सपने और संकल्प को पूरा करने के लिए 100 दिन की योजना के साथ ही 25 दिन का प्लान अलग से बनाया है। इससे प्रेरणा लेकर प्रदेश के युवाओं के कल्याण के लिए एक मिशन के जरिए काम किया जा रहा है। ड्रोन खरीदने के लिए अनुदान देने की योजना के लिए सरकार के पास बजट की कोई कमी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि शासकीय विभाग जन-कल्याण के लिए ड्रोन तकनीक के ज्यादा उपयोग के लिए प्रयास करें।
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