देशभर के डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों से ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ताजा मामला राजधानी भोपाल से सामने आया है। जहां साइबर ठगों ने बुजुर्ग डॉक्टर दंपती को वीडियो कॉल के माध्यम से 2 दिन तक बंधक बना रखा। डिजिटल अरेस्ट कर शातिर साइबर ठगों ने ऐसा जाल बिछाया कि दंपति को वॉशरूम जाने के लिए परमिशन लेना पड़ रहा था। जालसाज ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और दंपती को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसाने के लिए धमकाया। इसके बाद साइबर ठगों ने 10 लाख रूपए से ज्यादा ठग लिए। यह रकम और बढ़ सकती थी लेकिन बुजुर्ग डॉक्टर ने समझदारी दिखाते हुए पुलिस को फोन लगा दिया। जिसके पुलिस ने मौके पर पहुंच कर दंपति का रेस्क्यू किया।
यह सनसनीखेज मामला भोपाल के अवधपुरी क्षेत्र का है। यहां रागिनी मिश्रा (65 साल) और उनके पति महेशचंद्र मिश्रा (67) दोनों डॉक्टर हैं, जो रीगल पैराडाइज फेस-2 के सातवें फ्लोर में फ्लैट नंबर 708 में रहते हैं। बुजुर्ग डॉक्टर दंपती चार साल से भोपाल में रह रहे हैं। इसने साथ ठगी की पूरी घटना हुई।
ठग ने खुद को बताया सीबीआई अधिकारी
मामले में पुलिस के अनुसार रागिनी ने बताया कि बुधवार को वह मार्निंग वॉक के लिए निकली इस दौरान उन्हें फोन आया और कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया। खुद को अधिकारी बताते हुए व्यक्ति ने कहा कि आपका व्यक्तिगत बैंक खाता मनी लॉन्ड्रिंग के लिए उपयोग किया जा रहा है। इसमें 427 करोड़ रुपए अवैध रूप से जमा किए गए हैं। कोरिया की एक एयरलाइंस कंपनी ने इस खाते में कई लेन-देन किए हैं। कंपनी ने आपके बैंक खाते में करोड़ों रुपए डिपॉजिट कराए हैं। इस खाते का गलत इस्तेमाल किया गया है।
पुलिस की वर्दी में थे फोन करने वाले आरोपी
इसके बाद खुद को सीबीआई अधिकारी बता रहे व्यक्ति ने दंपती को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दी। शिकायत के अनुसार महिला ने कहा कि बैंक में खाता नहीं है तो कहा गया कि खाता खोलने के लिए आपके आधार कार्ड का यूज किया है। इसकी मदद से अन्य खाते भी खोले गए हैं। इन खातों का इस्तेमाल अवैध काम के लिए किया गया है। आगे बताया कि धमकी देने और आरोपियों की बातें सुनकर वह हैरान रह गईं। इसके बाद आकोरियों ने वीडियो कॉल किया और मुझसे बात की। वह व्यक्ति पुलिस की वर्दी में था, वह जहां से बात रहा था वह स्थान किसी अधिकारी के कमरे जैसा था। वहां सीबीआई के बैनर भी थे। उसने आगे कहा कि आप भली महिला लग रही हैं। खबर फैलने से आपकी बदनामी होगी। हम इस केस की जांच कराएंगे। इसके साथ जालसाजों ने महिला को कार्रवाई का डर दिखाकर पैसे देने के लिए मजबूर किया।
दंपती पर रखी गई ऑनलाइन निगरानी
आरोपियों ने भरोसा देते हुए कहा कि आपका कसूर नहीं होगा तो आपको गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। आप जांच में सहयोग करें, उन्हें कहा गया कि अब ऑनलाइन निगरानी में रहना होगा। उन्हें एक कमरे में रहने के लिए कहा गया। इसके घर लौट कर आई महिला ने स्वयं को बंद कर लिया। पति के लौटने पर पूरा मामला बताया, पति ने भी आरोपियों से बात की। उन्होंने उन्हें भी जांच में सहयोग करने की बात कही। इसके बाद दंपति को डिजिटल अरेस्ट कर ऑनलाइन निगरानी की जाने लगी।
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आरोपियों ने बैंक जाने की दी छूट
आरोपियों ने महिला से डॉक्टर से कहा कि हम आपको फिलहाल गिरफ्तार नहीं कर रहे हैं, लेकिन सिक्योरिटी डिपाजिट के तौर पर 10 लाख 50 हजार हमारे खाते में जमा करना होंगे। जांच में आपको बेकसूर पाए जाने पर यह पैसा वापस कर दिया जाएगा। गुरुवार को दो घंटे के लिए महिला को घर से निकलने की छूट दी गई। इसके बाद गुरुवार को महिला डॉक्टर ने बैंक जाकर आरोपियों के खाते में रुपए 10 लाख 50 हजार NEFT से रूपए जमा कराए।
पति ने पुलिस को लगाया कॉल
इसके बाद महिला को आरोपियों की करतूतों पर संदेह हुआ, उन्होंने आरोपियों को बातों में उलझाया, इसी बीच पति को पुलिस को मदद के लिए फोन करने के लिए कहा। इसके बाद पति काम होने बात कहकर दूसरे कमरे में पहुंचे और वहां से पुलिस कमिश्नर को फोन कर दिया। इसके बाद पुलिस कमिश्नर ने तत्काल पुलिस को दंपती को रेस्क्यू का करने के निर्देश दिए।
शुक्रवार को पुलिस दंपति के घर पहुंची और दंपती का रेस्क्यू किया। इस दौरान फर्जी अधिकारी और असली पुलिस के बीच वीडियो कॉल पर जमकर नोकझोंक भी हुई। इसके बाद पुलिस ने वीडियो और इंटरनेट कनेक्शन डिसकनेक्ट करवा दिया है। पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है।
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