मध्य प्रदेश के भोपाल के रातीबड़ के मेंडोरी के जंगलों में एक इनोवा कार में 54 किलो सोना और 11 करोड़ कैश मिला है। यह संपत्ति पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा की बताई जा रही है। आयकर विभाग और लोकायुक्त की छापेमारी के दौरान सौरभ शर्मा के घर से एक डायरी मिलने का जिक्र किया गया था। अब उस डायरी के 6 पन्ने सामने आए हैं। इसे लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी जांच एजेंसियों पर सवाल उठाए हैं।
सौरभ शर्मा को मिले सुरक्षा
जीतू पटवारी ने कहा कि सौरभ शर्मा के घर पर लोकायुक्त, आयकर विभाग और ईडी ने छापा मारा था, जिसमें 100 करोड़ रुपए की संपत्ति, 11 करोड़ रुपये नकद और करीब 55 किलो सोना बरामद हुआ था। इस छापे में एक डायरी का जिक्र था, जिसे मैंने कई बार उठाया है। यह डायरी पब्लिक डोमेन में आनी चाहिए। मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करता हूं कि इस मामले में जल्द कार्रवाई की जाए। सौरभ शर्मा को सुरक्षा मिलनी चाहिए और पता लगाया जाना चाहिए कि वह कहां है। प्रशासन और सरकार जितनी देरी करेगी, डायरी और सौरभ शर्मा के अस्तित्व पर उतने ही सवाल उठेंगे।
60 पन्ने कहां हैं...
पटवारी ने कहा कि डायरी में 5 महीने में 50 करोड़ रुपए का हिसाब है। डायरी के छह पन्ने सामने आए हैं, जो बताते हैं कि पैसा कहां से आया और कहां गया। डायरी के पन्नों पर 'टीएम' और 'टीसी' लिखा है। ये क्या हैं? क्या 'टीसी' ट्रांसपोर्ट कमिश्नर और 'टीएम' ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर का कोड वर्ड है? जीतू पटवारी ने यह भी सवाल उठाया कि बाकी 60 पन्ने कहां हैं, क्योंकि पूरी डायरी में 66 पन्ने हैं। मध्य प्रदेश की जनता, विपक्ष और मीडिया सभी जानना चाहते हैं कि ये पैसा कहां जा रहा था।
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पटवारी ने प्रधानमंत्री मोदी से कुछ सवाल भी पूछे हैं। उन्होंने कहा कि सौरभ शर्मा ने दो मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में काम किया, पहले शिवराज जी और अब मोहन यादव। ये संयुक्त लूट मध्य प्रदेश की जनता से की गई लूट है। डायरी के इन 6 पन्नों में एक चेकपोस्ट से 1536 करोड़ रुपए का हिसाब है। दूसरा 103 करोड़ रुपए का हिसाब और तीसरा 155 करोड़ रुपए के एकमुश्त भुगतान का हिसाब छह पन्नों में है। तो 66 पन्नों में क्या होगा? मेरा मतलब है कि अगर इन 6 पन्नों में लगभग 1300 करोड़ रुपए आए हैं, तो 66 पन्नों में क्या आया होगा? क्या कोई सरकारी एजेंसी बताएगी कि ये 6 पन्ने कहां से आए।
छोटे कर्मचारियों को दिए अलग-अलग जगहों पर ठेके
भ्रष्टाचार का हिसाब किताब इतना बड़ा है कि इससे कितनी मासिक आय की उम्मीद की जा सकती है? यानी छोटे टोल से करीब 30 करोड़ और बड़े टोल से 60 करोड़ दिए गए। ये वसूली 19 आरटीओ चेक पोस्ट पर की गई, जिसमें 51 आरटीओ के 19 चेक पोस्ट हैं। इनका हिसाब इन 6 पन्नों में दिया गया है। उन चेक पोस्ट के नाम भी लिखे हैं। सरकार ने कहा कि 2021 के बाद हम चेक पोस्ट खत्म कर देंगे। यानी चेक पोस्ट खत्म कर देंगे, सरकार को कुछ नहीं देंगे, लेकिन वसूली जारी रखेंगे। छोटे-छोटे कर्मचारियों को अलग-अलग जगहों पर ठेके दिए गए।
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मुख्यमंत्रियों से नहीं हुई पूछताछ
जीतू पटवारी ने कहा है कि इस मामले की जांच तीन एजेंसियां कर रही हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इस मामले में न तो किसी की गिरफ्तारी हुई है और न ही किसी से पूछताछ हुई है। हाल ही में हटाए गए ट्रांसपोर्ट कमिश्नर से पूछताछ क्यों नहीं हुई? उस समय के मंत्री को क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया? क्या वजह है कि दोनों मुख्यमंत्रियों से पूछताछ नहीं हुई? 1300 करोड़ कोई छोटी रकम नहीं है।